
भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार।
नई दिल्ली। एलएसी (LAC) पर पनपे तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के शीर्ष कमांडरों के बीच एक अहम बैठक शुरू हो चुकी है। यह छठे दौर की लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत है। इस बार दोनों देशों की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी मौजूद हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार यह प्रतिनिधि संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं।
इससे पहले कोर कमांडर स्तर की बैठक दो अगस्त को हुई। अब लंबे अरसे के बाद यह बैठक हो रही है। हालांकि इस बीच ब्रिगेडियर स्तर की पांच बैठकें हो चुकी हैं। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। सेना में संघर्ष के साथ हवाई फायरिंग भी हुई है। भारत ने आक्रामक रुख अपनाकर ऊंची चोटियों पर स्थिति को मजबूत किया है।
भारत की तरफ से मांग होगी कि मई से पहले की स्थिति एलएसी पर दोबारा बहाल हो। इस बैठक में भारत अपने रुख में सख्ती दिखा सकता है। गौरतलब है अब वह एलएसी पर चीनी सेना के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। वह यहां मौजूद अहम चोटियों पर मजबूत स्थिति में है।
भारतीय सेना लद्दाख में 20 ऊंची चोटियों पर काबिज
भारतीय सेना बीते कुछ वक्त से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास वाले क्षेत्रों में स्थित 20 ऊंची पहाड़ियों पर अपना कब्जा जमा चुकी है। इस बढ़त को बेहद अहम माना जा रहा है। इसके बल पर चीन और भारत के बीच होने बैठक में देश का पक्ष मजबूत स्थिति में होगा।
भारत ने भयंकर ठंड के बावजूद चुशूल के इलाके में अपनी मौजूदगी को बढ़ा दिया है। इस तरह से यहां पर अपना प्रभुत्व कायम रखा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सेना ने लद्दाख के सभी अग्रिम मोर्चों पर हथियारों और सर्दियों के जरूरी सामानों का इंतजाम कर लिया है। सर्दियों में यहां पर तापमान शून्य से 25 डिग्री तक पहुंच जाता है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण छोर पर सामरिक बढ़त हासिल कर ली है। फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाके में सेना की तादात को बढ़ाया है। वहीं चीन ने फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच इलाके पर नियंत्रण किया है।
Updated on:
21 Sept 2020 04:42 pm
Published on:
21 Sept 2020 09:11 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
