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मंदिर खोलने के मामले पर महाराष्ट्र में गरमाई सियासत, CM उद्धव और गवर्नर कोश्यारी आमने-सामने

महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ( Bhagat Singh Koshyari ) के बीच बढ़ा विवाद मंदिर खोलने का मामला पहुंचा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) तक

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Letter Fight Between Uddhav Thackeray and Bhagat Singh Koshyari over temple opening

मंदिर खोलने के मामले पर उद्धव ठाकरे और भगत सिंह कोश्यारी के बीच बढ़ा विवाद।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस (coronavirus) से जूझ रहा है। इस महामारी के कारण पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया था। हालांकि, Unlock प्रक्रिया के तहत देश को धीरे-धीरे दोबारा खोला जा रहा है। अब तक कई सारी चीजें खुल चुकी हैं। वहीं, महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने का मुद्दा अचानक गरमा गया है। इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ( Bhagat Singh Koshyari ) आमने-सामने हैं। इतना ही दोनों के बीच की लड़ाई का मुद्दा प्रधानमंत्री तक पहुंच गया है।

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CM उद्धव ठाकरे और राज्यपाल के बीच बढ़ा विवाद

दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य के धार्मक स्थलों को खोलने की अपील की थी। राज्यपाल ने पत्र में लिखा कि आपने एक जून से मिशन फिर से शुरू की घोषणा की थी। लेकिन, चार महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और धार्मिक स्थल अब तक नहीं खुले हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ रेस्टोरेंट, बार आदि खुल चुके हैं। लेकिन, पूजा स्थल अब तक नहीं खुले हैं। राज्यपाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि आप हिन्दुत्व के पक्षकार रहे हैं। लेकिन, क्या आपने अचानक खुद को सेक्युलर बना लिया है? क्योंकि, एक समय आपको इस शब्द से काफी नफरत थी। राज्यपाल के इस पत्र पर सीएम उद्धव ठाकरे ने भी करारा जवाब दिया है। अपने जवाब में उद्धव ने कहा कि जैसे लॉकडाउन अचानक लगाना सही नहीं था, वैसे ही इसे हटाना भी सही नहीं। इतना ही नहीं हिन्दुत्व वाले बयान पर उद्धव ने कहा कि मुझे इसके लिए आपके प्रमाण की जरूरत नहीं। इधर, NCP मुखिया शरद पवार ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसकी शिकायत की है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंची शिकायत

शरद पवार ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान का पूरी तरह समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास सार्वजनिक रूप से बयान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। शरद पवार ने पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी की है। शरद पवार ने अपनी शिकायत में कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को भाषा की मर्यादा ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने उस हिस्से को हाइलाइट किया, जिसमें उन्होंने सेक्युलर का जिक्र किया है। हालांकि, प्रधानमंत्री की ओर से इस मामले पर अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है। लेकिन, यह मामला लगातार गरमाता जा रहा है।