
अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। अब दिल्ली में असली ताकत उपराज्यपाल के हाथ में होगी। राजधानी में अब कोई भी कार्यकारी कदम उठाने से पहले उपराज्यपाल की इजाजत लेनी होगी। दरअसल, दिल्ली में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन(संशोधन) कानून 2021 यानी जीएनटीसीडी एक्ट (GNCT Act) को मंजूरी दी है। अब इसे लेकर अधिसूचना भी जारी की गई है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है।' इसका मतलब से निकलता है कि अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना कोई कार्यकारी फैसले नहीं लिए जा सकेंगे।
विधेयक 22 मार्च को पास हुआ था
गौरतलब है कि लोकसभा में यह विधेयक 22 मार्च को पास हो गया था। इसके बाद 24 मार्च को राज्यसभा में पारित हुआ। यह विधेयक राज्यसभा से भी पास भी हो गया। कानून में किए गए इस संशोधन से केजरीवाल सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। इसके अनुसार,अब सरकार को उपराज्यपाल के पास विधायी प्रस्ताव कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव कम से कम सात दिन पहले भेजना होगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल की परेशानी बढ़ी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कानून की वजह से सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्यसभा में बिल पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले को दिल्ली की जनता का अपमान बताया। बिल के पास होने के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार की आलोचना की। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि ये लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।
Published on:
28 Apr 2021 01:42 pm
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