कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के दौरान अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ( NASA ) , यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईसा ( ESA ) और जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयेरोस्पस ऐक्स्प्लोराशन एजेंसी ( JAXA ) ने मिलकर पहली बार लॉकडाउन के दौरान धरती और पर्यावरणीय बदलावों का अध्ययन किया। इसके लिए तीनों एजेंसियों ने अपने भू-अवलोकन उपग्रहों के जरिए आंकड़े एकत्रित किए।
पुलिस हिरासत में बाप-बेटे की मौत: एमके स्टालिन ने की CBI जांच की मांग, हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से तलब की रिपोर्ट नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 50% तक गिरा दुनिया भर में चर्चित इन एजेंसियों के अध्ययन में भारत के संदर्भ में प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला कि लॉकडाउन ने वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा को को कम कर दिया। नई दिल्ली व मुंबई में 25 मार्च से 20 अप्रैल के बीच नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में 40 से 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
यह गिरावट पूरे देश में एक समान नहीं है। इससे वातावरण में काफी सुधार हुआ है। अगर इस स्थिति को आगे भी बरकरार रखा जाए तो स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों को कई तरह की परेशानियों से राहत मिल सकती है।
Unlock-1 : लॉकडाउन के बाद मनरेगा ने थामा प्रवासी मजदूरों का हाथ, रोजगार दर हुई 35.7 प्रतिशत नासा के अध्ययन में प्रदूषण में सुधार के संकेत मिले भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर कई क्षेत्रों में देखने को मिला है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी इस बात की पुष्टि कर चुकी है।
नासा की ओर से अर्थ ऑब्जरवेटरी ने अप्रैल के अंत में पिछले चार सालों की तस्वीर जारी की है। तस्वीरों के जरिए नासा ने ये बताया है कि भारत में प्रदूषण का स्तर कैसे कम हो गया है। नासा ने फोटो शेयर करते हुए यह बताया है कि खासतौर से भारत में लगे लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में कमी देखने को मिली है।
नासा ने भारत की ये तस्वीर मॉडरेट रिजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर टेरा सैटेलाइट से ली है। नासा ने कहा है कि भारत में प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है मतलब देश हवा की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है।