
मद्रास हाईकोर्ट का आदेश, छोटे बच्चों के स्कूल बैग का भार होगा कम और नहीं मिलेगा होमवर्क
नई दिल्ली। मद्रास उच्च न्यायालय ने स्कूल के छोटे बच्चों को लेकर एक नया आदेश जारी किया है। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि छोटे बच्चों पर अब स्कूल का कोई भी भार नहीं होगा, फिर चाहे वो बच्चों का भारी स्कूल बैग हो या होमवर्क।
कक्षा दो तक के बच्चों को होमवर्क नहीं
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि कक्षा दो तक के बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा और तीसरी कक्षा तक केवल तीन विषय पढ़ाए जाएंगे।
एनसीईआरटी ने की थी सिफारिश
बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने पिछले महीने सीबीएसई से इस मामले को लेकर सिफारिश की थी। वहीं एनसीईआरटी ने उच्च न्यायालय में कहा कि देश के लगभग 18 हजार सीबीएसई स्कूलों को इन सिफारिशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जिससे छोटे बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर से स्वस्थ्य रखा जाए।
बोझा ढोने वाले नहीं हैं बच्चे
एनसीईआरटी की सिफारिश पर उच्च न्यायालय ने अपना अंतिम फैसला सुनाया और कहा बच्चे कोई बोझा ढोने वाले नहीं हैं, जिनके पीठ पर हर रोज भारी-भरकम बोझ डाल दिया जाता है।
‘चिल्ड्रन स्कूल बैग पॉलिसी’ का हो पालन
बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से भी कहा है कि वो सभी राज्यों को पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बस्ते का भार घटाने और होमवर्क न देने का निर्देश दें, साथ ही राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘चिल्ड्रन स्कूल बैग पॉलिसी’ को लागू करने का निर्देश भी देने को कहा है।
तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाए जाएं तीन विषय
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि पहली और दूसरी कक्षा तक के बच्चों को सिर्फ दो ही विषय पढ़ाए जाएं, जिसमें भाषा और गणित विषय सम्मलित हैं। जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्र सिर्फ तीन विषय भाषा, ईवीएस और गणित की पढ़ाई करेंगे।

Published on:
30 May 2018 11:41 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
