
Palghar Mob Lynching Case
नई दिल्ली। पालघर हिंसा मामले (Palghar Mob Lynching Case) में ठाणे जिले में एक विशेष अदालत ने 16 जनवरी को 89 आरोपियों को जमानत दे दी। ये घटना पिछले साल अप्रैल में हुई थी, जिसमें भीड़ ने दो साधु और एक ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया था। इस मामले में कुल 201 लोग गिरफ्तार किये गये थे ।
इस मामले की सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक विशेष अदलत ने 89 आरोपियों को शनिवार को जमानत दे दी है।साथ ही, उन्होंने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 फरवरी निर्धारित की है। आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील अमृत अधिकारी और अतुल पाटिल ने अदालत से जेल में बंद कुल 165 आरोपियों में से 90 ने जमानत का अनुरोध किया था लेकिन जिला न्यायाधीश एस बी बाहलकर ने इसमें 89 को जमानत दी है ।
कैसे मिली जमानत?
दरअसल, आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील अमृत अधिकारी और अतुल पाटिल ने अदालत में दलील दी कि हमले में इन लोगों की कोई भूमिका नहीं थी। पुलिस ने केवल संदेह और मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर इन लोगों को गिरफ्तार किया था। इस दलील को सुनने के बाद जज ने जमानत देने का फैसला किया।
जानिए पूरा मामला
पिछले साल 16 अप्रैल को पालघर जिले में भीड़ ने दो साधुओं और उनके वाहन चालक की पीट-पीट कर मार दिया था। मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में हुई थी। लोगों का मानना था कि ये तीनों बच्चा चोर वाले गिरोह के हैं। इसी अफवाह के चलते यह घटना हुई थी।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक भीड़ साधुओं को पुलिस के सामने पीट रही थी और प्रसाशन तमाशा देख रहा था। वीडियो में दिख रहा था कि कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस के अपराध जांच विभाग ने 15 जुलाई 2020 को 126 आरोपियों के खिलाफ दो चार्जशीट भी दायर की थी।चार्जशीट में यही बताया गया था कि ये लिंचिंग ‘बच्चा चोरों की अफवाह’ उड़ने के बाद हुई थी।
Published on:
17 Jan 2021 04:00 pm
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