कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी बड़ा झटका देते हुए एक केस में जज को हटाने की मांग करने पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली। कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बड़ा झटका देते हुए एक केस में जज को हटाने की मांग करने पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस कौशिक चंदा ने न्यायपालिका की छवि खराब करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर यह फाइन लगाया है। सीएम ममता बनर्जी ने एक मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के जज कौशिक चंद को हटाने की मांग की थी। ममता बनर्जी ने जज कौशिक चंद पर आरोप लगाया था कि उनके बीजेपी के साथ रिश्ते हैं।
जज की छवि बिगाड़ने की साजिश का आरोप
जस्टिस कौशिक चंदा ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए हैं वह जज की छवि को बिगाड़ने की सोची-समझी चाल है। इसके साथ ही जज ने कहा, उन पर लगाए गए जुर्माने की रकम को कोरोना से प्रभावित वकीलों के परिवारों के कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा।
सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ दायर की थी याचिका
आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई कर रहे कोलकाता हाई कोर्ट के जज कौशिक चंद को हटाने की मांग की थी। ममता ने आरोप लगाया था कि जज कौशिक चंद के बीजेपी के साथ रिश्ते हैं। इसके बाद ममता बनर्जी की अर्जी को खुद जस्टिस कौशिक चंद ने खारिज कर दिया था।
नंदीग्राम का नतीजा में लगा था धांधली का आरोप
तृणमूल कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती करने की मांग की थी। निर्वाचन आयोग ने बताया था कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए। आयोग ने पुष्टि की कि अधिकारी को 1 लााख 10 हजार 764 मत मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 1 लाख 08 हजार 808 मत पड़े। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं।