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ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और राज्यपाल धनखड़ को 30 मिनट कराया इंतजार, मांगी 20 हजार करोड़ रुपये की मदद

locationनई दिल्लीPublished: May 28, 2021 08:24:29 pm

Submitted by:

Anil Kumar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास से प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान 1000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की।

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Mamta Banerjee made PM Modi and Governor Dhankhar wait for 30 minutes, sought 20 thousand crore rupees

कोलकाता। चक्रवात यास की वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी नुकसान हुआ है। लिहाजा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इन दोनों राज्यों के हालात का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया।
इस दौरान बंगाल में एक रिव्यू मीटिंग भी किया। लेकिन इस रिव्यू मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को करीब 30 मिनट तक ममता बनर्जी का इंतजार करना पड़ा।

करीब 30 मिनट की देरी से इस रिव्यू मीटिंग में पहुंचीं ममता बनर्जी ने चक्रवात से प्रभाव से जुड़े दस्तावेजों को केंद्र सरकार के अधिकारियों को सौंपा और फिर वहां से चली गईं। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्‍हें दूसरी बैठकों में हिस्‍सा लेना है।

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चक्रवात यास से प्रभावित राज्यों के लिए पीएम ने की 1000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा

बता दें कि पीएम मोदी ने चक्रवात यास से प्रभावित राज्यों के लिए 1000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। पीएमओ ने कहा कि तत्काल प्रभाव से ओडिशा को 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जबकि बाकी के 500 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल और झारखंड को दिए जाएंगे।

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घटना पर राजनीतिक बयानबाजी तेज

आपको बता दें कि ममता बनर्जी का बैठक में देरी से पहुंचने और फिर अधिकारियों को दस्तावेज सौंपकर चले जाने को लेकर सियासी गलियों में राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि ममता बनर्जी ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि पीएम मोदी को अपमानित कर सकें।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस घटना के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि इस तरह टकराव का ये रुख राज्य या लोकतंत्र के हित में नहीं है। सीएम और अधिकारियों द्वारा गैर-भागीदारी संवैधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है।

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वहीं केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है। दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं। आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है। जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदहारण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है।

इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आहत करने वाली घटना बताया। उन्होंने कहा कि पीएम की बैठक से ममता की अनुपस्थिति संवैधानिक नीति और सहकारी गठबंधन के लिए एक झटका थी।

ममता ने कहा- पीएम से की मुलाकात

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर ममता बनर्जी ने कहा है कि दीघा रवाना होने से पहले उन्होंने पीएम मोदी को जमीनी स्थिति से अवगत कराया। ममता ने कहा कि हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद मैं कलाईकुंडा में पीएम से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया।

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