
नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक ने सेना में कमीशन हासिल कर ली हैं। कमीशन हासिल करने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे पति का पहना प्यार उनकी वर्दी और यूनिट था। इस वजह से उनके बाद मैंने सेना में शामिल होने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि वे अपने पति के हर सपने को पूरा करेंगी।
सेना प्रमुख से मिली थी स्पेशल मंजूरी
दरासल कर्नल संतोष महादिक की शहादत के बाद उनकी पत्नी ने सेना में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन उनकी उम्र निर्धारित आयु सीमा से ज्यादा होने के चलते उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। सेना के नियमों के मुताबिक एसएसबी परीक्षा के लिए उम्र 27 साल होती है लेकिन स्वाति की उम्र 37 साल थी। इस मामले में तत्कालीन रक्षामंत्री ने मनोहर पर्रिकर ने सेना प्रमुख से स्वाति को उम्र में छूट देने की सिफारिश की थी। जिस पर स्वाति को स्पेशल मंजूरी के बाद सेना में शामिल किया गया था। स्वाति ने अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के लिए बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में दाखिला दिलवा दिया था। उन्होंने चेन्नई में आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी की।
आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे कर्नल संतोष महादिक
नवंबर 2015 में कुपवाड़ा में कुछ आतंकियों की होने की सूचना पर सेना की 41 राष्ट्रीय राइफल्स ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस टीम का नेतृत्व कर्नल संतोष महादिक कर रहे थे। तभी हाजीनाका इलाके में आतंकियों ने सेना के दल पर हमला कर दिया। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में कर्नल संतोष महादिक शहीद हो गए थे जबकि 4 अन्य जवान घायल हो गए थे। कर्नल संतोष की शहादत को लश्कर ने अपने कमांडर अबू कासिम की मौत का बदला बताया था।

Updated on:
09 Sept 2017 05:35 pm
Published on:
09 Sept 2017 05:18 pm
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