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मौलाना साद के राजदार का खुलासा, दिल्ली में छिपा बैठा है मुखिया

Lockdown के बीच Maulana Saad का सुराग करीबी राजदार मुफ्ती शहजाद ने बताया दिल्ली में ही है मुखिया मरकज को लेकर भी उगले कई राज

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Maulana Saad

तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना साद

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) के फैलाव में बड़ी भूमिका निभाने वाली तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद को लेकर दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने सर्च ऑपरेशन ( Search Operation )चला रखा है। इस बीच मौलाना साद ( Maulana Saad ) के करीबी ने जमात ( Jamat ) के मुखिया को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं।

साद के करीबी और राजदार मुफ्ती शहजाद के मुताबिक वो 1 से 31 मार्च तक वो मरकज ( Markaz ) के भवन में ही था। इस भवन में देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से जमाती एकत्र हुए थे। शहजाद के मुताबिक मौलाना साद इस वक्त राजधानी दिल्ली में ही कहीं छिपा बैठा है।

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आपको बता दें कि एक दिन पहले ही मौलाना साद का एक और ऑडियो टेप सामने आया जिसमें उसने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं।

मुफ्ती शहजाद ( Mufti Shahzad ) के मुताबिक वो और उसके मरकज के 160 और साथी इस वक्त क्वारंटीन हैं। इस वक्त वो जाकिर नगर में रह रहे हैं और रोजाना मरकज आते रहते हैं। मुफ्ती शहजादी की मानें तो वो सिर्फ एक कार्यसेवक हैं और अन्य लोगों को तरह वो भी हर मार्च और अप्रैल में मरकज खिदमत करने आते हैं।
एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुफ्ती शहजाद ने बताया कि 1 से 31 मार्च के बीच मरकज में 1 से 2 हजार के बीच लोग होंगे। जो अलग-अलग जगहों पर रह रहे थे।

शहजाद के मुताबिक जाकिर नगर में वो करीब 160 लोग रह रहे हैं जिनमें से 30 कोरोना पॉजिटिव हैं, जिन्हें वहीं पीछे की एक बिल्डिंग में ठहराया गया है।

मौलाना साद के इस राजदार ने ये भी बताया कि जमात का मुखिया मार्च से ही दिल्ली में है। लेकिन किस जगह पर छिपा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

वहीं शहजाद ने ये भी बताया कि लॉकडाउन से पहले 23 मार्च को मरकज के कुछ लोग जो तमिलनाडु के थे उन्होंने हमसे वापस जाने के लिए बंदोबस्त करने को कहा। हम दिल्ली के थे लिहाजा हमने परमिशन के लिए एसएचओ से बात की।

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एसएचओ साहब ने कहा तुम्हें पता नहीं है यहां रहना नहीं चाहिए। अब इन लोगों को तुरंत यहां से निकालो। तब हमने कहा जिस तरह से आप कहें हम उस तरह से इन्हें निकाल देंगे।

हम पुलिस के पास 20 गाड़ियों की एक सूची भी ले गए थे जिनके जरिये लोगों को निकाल सकें। लेकिन एसएचओ साहब ने कहा हमें इसकी अथॉरिटी नहीं है।

फिर हमने SDM से बात की तो उन्होंने कहा दूसरे दिन सुबह आना। हमने कहा एसएचओ ने कहा कि इन्हें तुरंत निकालने के लिए तो उन्होंने कहा कल तक अपने पास रखो।