7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेघालय खदान: पानी का लेवल पता लगाने गई टीम 70 फीट नीचे से लौटी, सोमवार को बेहतर नतीजे की उम्मीद

अधिकारी के मुताबिक पानी के स्तर के बारे में सही जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद रही है।

2 min read
Google source verification
meghalaya mines

मेघालय खदान: जारी है जिंदगी बचाने की जंग, पानी का लेवल पता लगाने के लिए जवान नीचे उतरे

लुमथारी: मेघालय की खदान में 18 दिनों से फंसे 15 मजदूरों को बचाने की कोशिश युद्ध स्तर पर जारी है। लेकिन अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। रविवार को पहली बार नेवी और एनडीआरएफ की टीम खदान में नीचे उतरी थी। लेकिन बिना पानी के लेवल पता लगाए लौट गई। बिना कोई जानकारी लिए टीम वापस लौट गई है। 70 फीट नीचे तक गई टीम वापस लौट गई। हालांकि पानी के लेवल का पता लगाने के बाद ही बचाव कार्य जारी होगा। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसके सिंह ने बताया कि डाइवर्स 70 फीट नीचे तक गए थे, लेकिन वे पानी के निचले स्तर तक नहीं पहुंच पाए। अंधेरा और पानी की गहराई ज्यादा होने से लोग लौट गए। कल जरूरी उपकरणों के साथ नेवी की टीम नीचे जाएगी। बेहतर नतीजे की उम्मीद है।

सही जानकारी के बाद शुरू होगा ऑपरेशन

टीम 370 फीट गहरी खदान में पानी के स्तर का पता लगाने उतरी थी। जानकारी मिलने के बाद ही राहत बचाव अभियान शुरू किया जाएगा अधिकारी के मुताबिक पानी के स्तर के बारे में सही जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद रही है। पानी के लेवल का पता लगाने के बाद ही बचाव कार्य जारी होगा।

24 दिसंबर से फंसे हैं मजदूर

एक अवैध कोयला खदान में पिछले दो सप्ताह से फंसे 15 मजदूर फंसे हैं। ईस्ट जयंतिया हिल्स एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसके सिंह ने बताया कि राहत कार्य में मदद को कुछ एजेंसियां भी ऑपरेशन में शामिल हैं। उन्होंने बताया ओडिशा फायर सर्विस 10 हाई प्रेशर पंप के साथ राहत कार्य में शामिल हुई है। इसके अलावा नेवी का एक दल भी यहां पहुंचा है। जिला प्रशासन ने 24 दिसंबर से कोयला खदान से पानी बाहर निकालना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, क्योंकि लगातार अभियान चालू रहने से 25 हॉर्सपॉवर के दो पंप अप्रभावी हो गए।

घटनास्थल का सर्वे हुआ

एनडीआरएफ की एक बचाव टीम ने कोयला खदान के मुख्य शाफ्ट में छानबीन की, फिर भी किसी मजदूर का पता नहीं लग सका। 370 फुट के कोयला खदान से लाखों गैलन पानी बाहर निकालने से पहले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निरीक्षक और खदान तकनीकी विशेषज्ञों ने घटनास्थल का सर्वे शुरू किया गया। किर्लोसकर ब्रदर्स लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक ने आईएएनएस को बताया कि भारत की दिग्गज पंप निर्माता कंपनी पहले ही 10 उच्च क्षमता वाली पंप मशीनें घटनास्थल पर भेज चुकी है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग