
पीेम मोदी के राहत पैकेज से खुश नहीं प्रवासी मजदूर
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के बढ़ते खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) पांचवी बार राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ना सिर्फ कोरोना से लड़ाई को लेकर अपने संकल्प को दोहराया बल्कि लॉकडाउन के चौथे चरण से लेकर देश के लिए सबसे बड़े 20 लाख करोड़ ( 20 lakh crores ) रुपए के आर्थिक पैकेज ( Relief Package ) की घोषणा भी की।
पीएम मोदी ने इसे 'आत्मनिर्भर भारत' ( Atm nirbhar bharat) पैकेज का नाम दिया। इस पैकेज के बाज जहां बीजेपी ( BJP ) इसे सरकार की ओर से देशवासियों के लिए बड़ी राहत बता रही है, वहीं विपक्ष ने इस घोषणा को लेट-लतीफी करार दिया है।
लेकिन इन सबसे ज्यादा खास वो तबका जिसके लिए पीएम मोदी ने पैकेज का ऐलान किया है वो प्रवासी मजदूर ( Migrant Labour ) वर्ग खुश नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे ऐलान सरकार करती रहती है, लेकिन हम तो हमेशा दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं।
पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद से ही इस राहत पैकेज को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। राजनीतिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक हर कोई इस पैकेज को अलग-अलग कयास लगा रहा है। वहीं इस पूरे पैकेज को लेकर प्रवासियों का कहना है कि उन्हें इस पैकेज का कोई फायदा दिखाई नहीं दे रहा है।
प्रवासियों के मुताबकि हमें इस पैकेज से कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे ऐलान होते रहते हैं, लेकिन मजदूरों तक कहां आता है। इन आर्थिक पैकेजों का लाभ कभी मजदूर को नहीं मिलता। अगर मिलता तो मजदूर कभी घर छोड़कर बाहर नहीं जाता।
वहीं एक अन्य मजदूर ने कहा कि हमें इन ऐलानों से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। हम लोग घर जाना चाहते हैं। ट्रेन चलाएं तो चलाएं वरना पैदल चले जाएंगे। हम मरेंगे तो घर पर ही मरेंगे।
एक अन्य मजदूर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश में रोजगार मिलना ही मुश्किल हो गया है। ऐसे आर्थिक पैकेज मजदूरों तक पहुंचते ही नहीं है। हम तो बस गांव जाना चाहते हैं जहां दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर लेंगे।
आपको बता दें कि मंगलवार की रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बड़े राहत पैकेज की घोषणा की। लेकिन पीएम मोदी ने बताया कि इस पैकेज में वित्त मंत्री और आरबीआई की ओर से पहले किए गए राहत के ऐलान भी जुड़े हैं।
Published on:
13 May 2020 10:50 am
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