
एजवाल। सोचिए एक ऐसा गांव जहां पर लोगों का पहुंचना बहुत मुश्किल काम हो। ऐसा गांव जिससे बाहर जाने या बाहर से आने पर ग्रामीणों को ही मुश्किल का सामना करना होता है। ऐसे गांव में जब पहली बार एक डीसी पहुंचा, तो लोगों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। गांव के लोग मानों झूमने लगे और डीसी को सिर-आंखों पर बिठा लिया। यह पूरी खुशी इसलिए क्योंकि उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि गांव के हालात का जायजा लेने डिप्टी कमिश्नर भी पहुंच सकते हैं।
यह मामला है मिजोरम के सियाहा का। यहां के एक गांव में बीते 25 अगस्त को सियाहा के डिप्टी कमिश्नर (उपायुक्त) पहुंचे। हालांकि उपायुक्त भूपेश चौधरी के लिए यहां पहुंचना आसान काम नहीं था और उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर ट्रेकिंग करनी पड़ी।
जब भूपेश गांव पहुंचे तो लोग उन्हें देखकर बहुत खुश हो गए और झूमने लगे। ग्रामीणों ने उपायुक्त का माला पहनाकर उनका स्वागत किया और फिर पालकी में बिठाकर घुमाया।
मीडिया से बातचीत में डिप्टी कमिश्नर भूपेश चौधरी ने बताया कि इस गांव का नाम टिसोपी है। टिसोपी गांव काफी दुर्गम इलाके में है। सियाहा से टिसोपी पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है। एक सड़क है, वो भी ऐसी जो दूसरे जिले से होकर जाती है और काफी वक्त जाया होता है।
उन्होंने आगे कहा कि बीते 25 अगस्त को वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ ट्रेकिंग करके टिसोपी गांव पहुंचे। इसके बाद ही उन्हें पता चला कि गांववालों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा।
भूपेश ने ग्रामीणों द्वारा किए गए स्वागत के बारे में कहा कि सभी अपने बीच उन्हें देखकर बहुत प्रसन्न थे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। काफी मना करने के बावजूद उन्होंने उपायुक्त को पालकी पर बिठा लिया। भूपेश की मानें तो यह काफी अलग और रोमांचक अनुभव था।
उन्होंने यह भी बताया कि अब इस गांव को कनेक्टिविटी देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा टिसोपी गांव को सियाहा मुख्यालय से सीधे जोड़ा जा रहा है। एक बार यह रोड बन जाए, फिर ग्रामीणों की बहुत बड़ी समस्या दूर हो जाएगी।
Updated on:
30 Aug 2019 04:26 pm
Published on:
30 Aug 2019 04:04 pm
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