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National Education Policy 2020: 34 साल बाद मोदी कैबिनेट ने दी 21वीं सदी की शिक्षा नीति को मंजूरी

पीएम मोदी ( pm modi ) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ( Modi Cabinet ) ने दी मंजूरी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( National Education Policy 2020 ) को किया गया लागू। 2035 तक 50 फीसदी ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो ( Gross Enrollment Ratio ) पाने का लक्ष्य।

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नई दिल्ली। उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलावों के लिए केंद्रीय कैबिनेट ( Modi Cabinet ) ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( National Education Policy 2020 ) को मंजूरी दे दी है। शिक्षा नीति में 34 वर्षों बाद किए गए महत्वूर्ण बदलाव के अंतर्गत वर्ष 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो ( Gross Enrollment Ratio ) को 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों में कई तरह प्रवेश और निकास के भी प्रावधान रखे गए हैं।

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इस संबंध में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( union minister prakash javadekar ) ने कहा कि 21वीं सदी की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( National Education Policy ) को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी गई। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बीते 34 वर्षों में शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया था। मुझे पूरा विश्वास है कि इसका स्वागत समूचे समाज और राष्ट्र के साथ ही विश्व के शिक्षाविदों द्वारा किया जाएगा।"

वहीं, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है और देश को 34 वर्षों बाद नई शिक्षा नीति ( New National Education Policy ) मिली है। उन्होंने कहा, "नई शिक्षा नीति और इसके बदलाव के बाद हम वर्ष 2035 तक 50 फीसदी ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो हासिल करेंगे।"

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में वर्गीकृत अकादमिक (ग्रेडेड एकेडेमिक), संस्थानों की प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता और सभी उच्च शिक्षा के लिए एक नियामक बनाया गया है। इसके तहत विभिन्न प्रकार की जांच की स्वीकृति की जगह स्व-घोषणा आधारित एक पारदर्शी तंत्र स्थापित होगा।

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खरे ने कहा, "हमारे देश में 45 हजार से ज्यादा संबद्ध कॉलेज हैं। ग्रेडेड ऑटोनॉमी के अंतर्गत कॉलेजों को मिली मान्यता के आधार पर अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान की जाएगी। क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्सेस (ऑनलाइन पाठ्यक्रम) विकसित किए जाएंगे। वर्चुअल लैब विकसित की जाएंगी और नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम का निर्माण किया जाएगा।"

उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति के गणन में वृहद कंसल्टेशन प्रॉसेस अपनाया गया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों से संपर्क किया गया। इसके साथ ही सरकार, विभाग, अकादमिक और आम लोगों की राय भी ली गई।


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