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अब बच्चा गोद लेने के लिए नहीं काटने होंगे कोर्ट के चक्कर, मोदी सरकार कर रही है व्यवस्था

अभी के नियम के तहत बच्चा गोद लेने के लिए एक लंबी-चौड़ी कानून व्यवस्था से गुजरना पड़ता है।

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Kapil Tiwari

Jul 08, 2018

Child Adoption

Child Adoption

नई दिल्ली। केंद्र सरकार बहुत जल्द बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बना सकती है। अभी तक बच्चा गोद लेने के लिए लंबी-चौड़ी एक कानून प्रक्रिया से गुजरना होता है, लेकिन अब केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को आसान बना सकती है। दरअसल, आगामी मानसून सत्र में केंद्र सरकार जूवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट में संशोधन संबंधी बिल को संसद में पेश करेगी। अगर बिना किसी रूकावट के बिल को पास करा लिया जाता है तो फिर बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया केवल दो महीने में ही पूरी हो सकेगी। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के सेक्शन दो (उपधारा 23 के तहत बच्चा गोद लेने संबंधी कानूनी प्रक्रिया ) के नियमों में बदलाव की मंजूरी मिलनी है।

बिल पास होते ही 2 महीने में पूरी होगी बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया
इस बिल के पास हो जाने के बाद बच्चा गोद लेने के लिए न्यायालयों का चक्कर लगाने से भावी अभिभावकों को मुक्ति मिल जाएगी। वह पूरी प्रक्रिया पर निचले यानी जिलाधिकारी स्तर से अंतिम मुहर लगवा सकेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2017 में गोद लेने के नियमों में बदलाव कर जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन एक्ट 2017 को लागू किया था। इसे फिर से संशोधित कर और सरल बनाया जा रहा है।

मौजूदा प्रक्रिया में लगता काफी समय
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन के बाद नए बिल में बच्चा गोद लेने की प्रकिया को व्यवस्थित करके देश में गोद लेने के कार्यक्रम को और मजबूत करेंगे। मौजूदा कानून के तहत अभी जिलाधिकारी कार्यालय के मातहत आने वाली बाल संरक्षण कमेटी की संभावित या भावी अभिभावकों का भौतिक सत्यापन करती है। सारी व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण संभावित अभिभावक सीधे ऑनलाइन रजिस्टर होते हैं। वेरिफिकेश के बाद वो गोद लेने वाली एजेंसियों के पास जाते हैं।

क्या है अभी नियम
अभी के नियम के मुताबिक, बच्चा गोद लेने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में कई बार दो-दो साल का समय भी लग जाता है। एक अनुमान के मुताबिक इस समय 850 से 900 मामले कोर्ट से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।


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