एक बार बरसात का क्रम शुरू होने के बाद अगले तीन-चार दिन तक रुक-रुक कर धीमी और तेज बरसात होते रहने की संभावना है। भीषण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को गुरुवार से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण पूर्वी की ओर से चलने वाली हवाओं में 69 फीसदी आर्द्रता थी। जिसकी वजह से दिन में उमस का एहसास हुआ। बुधवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य रहा।
कमजोर पड़ने के कारण नहीं हुई थी बारिश
85 फीसदी बादलों के कवर रहने के कारण आर्द्रता बुधवार देर शाम तक बरकरार रही। मौसम विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि शुरुआत में बारिश के बाद मानसून कमजोर हो गया। इसके कारण यहां बारिश नहीं हुई। अब फिर से मानसून सक्रिय हो रहा है। इसके कारण पश्चिमी विक्षोभ में परिवर्तन हो रहा है।
13 किमी की रफ्तार से चलेगी हवा
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को आर्द्रता घटकर 50-60 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। वहीं पूर्वी-दक्षिणी दिशा से करीब 13 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी। इससे लोगों को उमस से भी राहत मिलेगी। जबकि अधिकतम तामपान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
आपको बता दें कि दिल्ली में मानसून आने की घोषणा तय वक्त से एक दिन पहले यानी 28 जून को ही कर दी गई थी। लेकिन, एक-दो दिन की बारिश के बाद मानसूनी हवाओं ने दिल्ली-एनसीआर से लगभग दूरी बना ली। पहले माना जा रहा था कि 8 जुलाई के बाद दोबारा मानसूनी बारिश का क्रम शुरू होगा। लेकिन, मानसून रेखा के दूर रहने के चलते झमाझम बारिश दिल्ली से दूर ही रही।