हिमाचल प्रदेश में मेहरबान मानसून का असर पिछले दो दिन में एक बार फिर देखने को मिला। कुमारसैन के विभिन्न क्षेत्रों में शुक्रवार से शुरू हुआ मूसलाधार बारिश का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। कई स्थानों पर भयंकर ओलावृष्टि भी हुई। मिली जानकारी के मुताबिक पर्यटन नगरी नारकंडा में मौसम के करवट बदलते ही दोपहर बाद भारी ओलावृष्टि हुई। इसके चलते सेब की खड़ी फसल को भी काफी नुक्सान पहुंचा है। नारकंडा में जहां जमकर ओले बरसे वहीं निचले क्षेत्र कुमारसैन, कोटगढ़, सांगरी, थानेधार में मूसलाधार बारिश हुई। जिस कारण से घास कटाई के कार्य में लगे किसानों व बागवानों को काफी नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में पश्चिमी राजस्थान के शेष इलाकों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र के शेष इलाकों से भी मानसून की वापसी शुरू होने की संभावना है। विभाग की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक राजस्थान और आसपास के इलाकों में नमी में कमी आने के बाद राजस्थान, कच्छ और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में शुष्क मौसम ने मानसून की वापसी को सुनिश्चित किया है। मानसून की वापसी वाले क्षेत्रों में राजस्थान के अनूपगढ़, नागौर, जोधपुर, जालौर और नालिया शामिल हैं। विभाग ने मानसून की वापसी का अगला दौर आने वाले दो तीन दिनों में शुरू होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
मानसून ने भले इस बार तीन महीने से ज्यादा वक्त तक अपनी आमद दर्ज करवाई हो, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। एक जून से 29 सितंबर तक की अवधि पर गौर करें तो देशभर में बारिश की मात्रा सामान्य से 9 फीसदी कमी दर्ज की गयी है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में देश में बारिश के सामान्य स्तर 883.6 मिमी की तुलना में 800.4 मिमी बारिश हुई।