
नई दिल्ली।
बिहार के किशनगंज जिला स्थित टाउन थाना के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की हत्या शुक्रवार देर रात बदमाशों ने कर दी थी। पोस्टमार्टम के बाद जब उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो मां उर्मिला देवी बेेटे की हत्या का गम सहन नहीं कर पाई। कुछ देर बाद उनकी भी मौत हो गई। रविवार को मां और बेटे की अर्थी एक साथ उठी। अश्विनी चार भाई-बहन थे। उनके तीन बच्चे दो बेटी और एक बेटा है।
अश्विनी कुमार बिहार में पूर्णिया जिले के जानकीनगर थाना स्थित अभयराम चकला पंचायत के पांचू मंडल टोला के रहने वाले थे। हालांकि, अश्विनी कुमार की मां उर्मिला देवी पटना में बहू मीनू स्नेहलता और बच्चोंं के साथ रहती थीं। अश्विनी कुमार के पिता का देहांत कुछ वर्ष पहले हो गया था। अश्विनी किशनगंज जिले में टाउन थाने में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे। शुक्रवार देर रात वह चोरी के एक मामले में छापेमारी करने गए थे, जहां बदमाशों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी।
परिजनों ने साथ गए पुलिसकर्मियों पर उठाए सवाल
बहरहाल, अश्विनी का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, तो परिजन आक्रोशित हो गए। उनके मुताबिक, अश्विनी की हत्या साजिश के तहत हुई है। अगर अश्विनी के साथ छापेमारी करने गए पुलिसकर्मी घटना के वक्त फायरिंग किए होते, तो उनकी इंस्पेक्टर की हत्या नहीं होती।
वहीं, बिहार पुलिस ने अश्विनी की हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें फिरोज आलम, उसका भाई अबुजार आलम और इन अपराधियों की मां सहीनुर खातून शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, फिरोज इस घटना का मुख्य अभियुक्त है।
अश्विनी को छोडक़र भागने वाले सात पुसिकर्मी निलंबित
बिहार पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस अधिकारियों ने अश्विनी कुमार की हत्या मामले में लापरवाही बरतने वाले सात पुलिसकर्मियों का सस्पेंड कर दिया है। इसमें अश्विनी कुमार के सहयोगी इंस्पेक्टर मनीष कुमार भी शामिल हैं। एसपी ने यह कार्रवाई आईजी के निर्देश पर की है।
Updated on:
11 Apr 2021 12:42 pm
Published on:
11 Apr 2021 11:50 am
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