Motivational: प्राइमरी टीचर ने जीता 7 करोड़ का इनाम, फिर किया दिल छू लेने वाला काम
महाराष्ट्र के प्राइमरी शिक्षक ने जीता ग्लोबल टीचर पुरस्कार
पहली बार किसी भारतीय को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टीचर होने का मिला सम्मान
टीचर रणजीत सिंह ने इनाम जीतने के बाद किया दिल छू लेने वाला काम
ग्लोबल टीचर अवॉर्ड जीतने वाले शिक्षक रणजीत सिंह दिसाले
नई दिल्ली। वैसे तो शिक्षकों का काम है लोगों को शिक्षित करना। अच्छे-बुरे की पहचान कराना और जिंदगी जीने के लिए जरूरी ज्ञान देना। लेकिन कई बार ये शिक्षक जिंदगी का ऐसा पाठ पढ़ा देते हैं, जो हमारे मिसाल बन जाता है।
दरअसल महाराष्ट्र के सोलापुर जिला परिषद स्कूल के एक प्राइमरी टीचर ने 7 करोड़ रुपये का इनाम जीता है। रणजीत सिंह डिसले ( Ranjit Singh disale ) को बतौर ग्लोबल टीचर पुरस्कार ( Global Teacher Award ) के लिए चुने जाने पर यह बड़ी इनामी जीत मिली है।
खास बात यह है कि पहली बार किसी भारतीय को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टीचर होने का सम्मान मिला है। लेकिन इससे भी ज्यादा बड़ी बात है इमान मिलने के बाद इस टीचर की ओर से किया गया काम। टीचर के इस कदम आपका भी दिल छू लेगा।
रणजीत ने उठाया दिल छू लेने वाला कदम 32 वर्षीय रणजीत सिंह दिसाले (Ranjit singh Disale ) को इनाम के तहत 10 लाख डॉलर (करीब 7 करोड़ 38 लाख रुपए) का पुरस्कार मिला. दिसाले अब इस राशि का आधा हिस्सा अपने साथियों को देने का एलान कर चुके हैं।
रणजीत ने दान करने का कदम उठाकर जिंदगी का सबसे बड़ा सबक भी सिखा दिया है। रणजीत ने बता दिया है कि दान सबसे बड़ा धर्म है और शिक्षक हमेशा धर्म की राह पर ही चलना सिखाता है।
इस वजह से मिला इनाम दुनिया के 140 देशों के 12 हजार से ज्यादा टीचर्स ने इस स्पर्धा में हिस्सा लिया था। रणजीत को ये इनाम लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में त्वरित-प्रतिक्रिया (QR) कोडित पाठ्यपुस्तक क्रांति को गति देने के प्रयासों के चलते दिया गया है।
यह पुरस्कार ऐसे विलक्षण शिक्षक को दिया जाता है जिन्होंने अपने शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। 2014 में वर्के फाउंडेशन की ओर से स्थापित वार्षिक पुरस्कार के लिए दुनियाभर से 10 फाइनलिस्ट चुने गए थे।