वहीं, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से राज्य में महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने सरकारी नौकरियों के लिए आगामी 14 मार्च को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को एक बार फिर टाल दिया है। परीक्षा टालने के फैसले से राज्य में विपक्षी दल तो नाराज हैं ही, सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और एनसीपी ने भी इसकी आलोचना की है। छात्र भी सरकार के इस फैसले से आक्रोशित हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री को पूरे मुद्दे पर सफाई देने के लिए खुद आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि परीक्षा को अब लंबे समय के लिए नहीं टाला जाएगा। जल्द ही यह परीक्षा करा दी जाएगी।
यह भी पढ़े:- एक मुख्यमंत्री पर पूर्व सीएम ने लगाया आरोप, कहा- उन्होंने महिलाओं को फंसाया बता दें कि राज्य में राहत एवं पुनर्वास विभाग ने एक परिपत्र में इस फैसले का ऐलान किया है। इससे पहले, यह परीक्षा पिछले साल अप्रैल में होनी थी, मगर कोरोना महामारी की वजह से इसे टालना पड़ा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि अगर सरकार शादी समारोह, बजट सत्र और स्वास्थ्य विभाग के लिए परीक्षा लेने की अनुमति दे सकती है, तो फिर एमपीएससी की परीक्षा की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने परीक्षा टालने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इसे फिर से रद्द करना गलत है।
एमपीएससी के लिए अलग मापदंड क्यों
चव्हाण ने कहा कि यह परीक्षार्थियों के साथ नाइंसाफी है। अभ्यर्थी कब तक एमपीएससी के लिए तैयारी करते रहेंगे। अगर सरकार दूसरे कार्यों के लिए अनुमति दे सकती है, तो वह एमपीएससी के लिए वही मापदंड क्यों नहीं अपना सकती?
फडणवीस ने की सरकार के फैसले की आलोचना
दूसरी ओर, भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सरकार से मांग की है कि परीक्षा को टालने के फैसले को वापस लिया जाए। उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए कहा, परीक्षा को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है। इस वजह से कई छात्र मौके गवां देंगे। छात्रों ने अपनी तैयारी में कीमती समय लगाया है।
यह भी पढ़े:- क्या है सीक्रेट हैंड सिग्नल, जिसकी मदद से बिना बोले सिर्फ इशारों में मांगी जा सकती है मदद शरद पवार के पोते रोहित ने भी उठाए सवाल एमपीएसी परीक्षा को टाले जाने के फैसले पर एनसीपी चीफ शरद पवार के पोत रोहित ने भी सवाल उठाए हैं। रोहित ने अपने ट्वीट में कहा, परीक्षा निष्पक्ष ओर सुरक्षित तरीके से कराई जा सकती है। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बावजूद कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की ओर से सरकार के फैसले की आलोचना किए जाने के बाद विपक्ष को भी दमदार मुद्दा मिल गया है।
बवाल बढ़ा तो उद्धव ठाकरे ने दिया आश्वासन
एमपीएससी परीक्षा टाले जाने से राज्य की राजनीति में बवाल बढ़ गया है। वहीं, छात्र भी आक्रोशित हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एमपीएससी की परीक्षा को अब दो या तीन महीने के लिए नहीं टाला जाएगा। यह परीक्षा बहुत जल्द होगी। संभव है कि कुछ हफ्तों के अंदर ही इसे करा लिया जाएगा।