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उधर, एमआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज की गई याचिका की वजह से हाईकोर्ट के मंदिर तोड़े जाने वाले आदेशों का पालन किया जाएगा। एमआईडीसी ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इस अतिक्रमण को हटाने के लिए एमआईडीसी भारी पुलिस बंदोबस्त के इंतजाम में जुट गया है। आपको बता दें कि अतिक्रमण वाले क्षेत्र में मंदिर के साथ-साथ अन्य कई निर्माण भी शामिल हैं।
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आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बावखलेश्वर मंदिर ट्रस्ट की उस याचिका को खारिज किया था, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश दिया था। वहीं, ट्रस्ट ने इस मामले में सरकार से संपर्क साधा है। ट्रस्ट की सरकार से अपील है कि इन अतिक्रमणों को कानूनी मान्यता दे दी जाए। ट्रस्ट का तो यहां तक दावा है कि मंदिर का निर्माण 2009 के पहले हुआ था।