नई दिल्ली। शादी किसी की भी जि़ंदगी में एक अहम स्थान रखता है। शादी को लेकर हर युवक व युवती के अपने कुछ खास सपने होते हैं और उनके साथ उनके परिवारवालों की भी कुछ उम्मीदें होती है।
हर कोई चाहता है कि उसकी शादी यादगार बनें और इसके लिए वो अपनी ज़िन्दगी की जमा पूंजी लगा देता है। शादी की पहली शुरूआत सबसे पहले कार्ड से ही होती है और ये कार्ड ही वो पहली झलक है जिससे शादी का एक छोटा-मोटा ब्यौरा हमें मिल जाता है।
हर धर्म और संप्रदाय के लोग अपने-अपने नियम के अनुसार शादी के कार्ड छपवाते हैं लेकिन आज हम आपको एक बेहद ही अनोखे शादी के कार्ड के बारे मे बताने जा रहे हैं। जी, हां ज़ुनैद नामक इस युवक ने अपने शादी के कार्ड को बहुत ही अनोखे ढ़ंग से छपवाया और ऐसा इसलिए क्योंकि ये कॉर्ड पूरा का पूरा संस्कृत में छपा हुआ है। इस कार्ड को देखने पर ये कहीं से भी ऐसा नहीं लगेगा कि ये किसी मुस्लिम समाज का कार्ड है और तो और जुऩैद ने अपने शादी के कार्ड के माध्यम से समाज को भी जागरूक बनाया।
दरअसल जुनैद अपने शादी कार्ड में रक्तदान महादान, शिक्षा है अनमोल रतन, पढऩे का अब करो जतन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, बेटियां पढ़ें बेटियां बढ़ें जैसे स्लोगन भी छपवाया है। जुनैद के शादी का ये कार्ड बहुत ही हटकर है और ये काफी वायरल भी हो रहा है। जुनैद के इस पहल की प्रशंसा काफी लोग कर रहे हैं।
जुनैद द्वारा किए गए हटकर इस पहल में उनके साथ उनकी होने वाली पत्नी हुमा भी साथ नज़र आई। अब तक करीब 400 लोगों को ये कार्ड बांटे जा चुके हैं। इस काम में जुनैद को प्रिटिंग प्रेस के मालिक का भी सहयोग मिला क्योंकि उनके यहां जो भी कार्ड छपवाने आते हैं उन सभी को वो ऐसे स्लोगन छपवाने के लिए प्रेरित करते हैं।