24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Nagpanchmi पर इस बार बन रहा है दुर्लभ योग, जानें Corona काल में कैसे और किस मुहूर्त में मनाएं त्योहार

Sawan महीने में 25 जुलाई को मनाया जाएगा Nagpanchami Festival Corona काल के चलते इस बार घर पर ही मनाया जाएगा त्योहार इस बार खास है नागपंचमी का त्योहार, बन रहा है दुर्लभ संयोग

2 min read
Google source verification
Nagpanchmi Festival

नागपंचमी का त्योहार

नई दिल्ली। सावन का महीना शुरू होते ही हिंदुओं के कई बड़े त्योहार भी शुरू हो जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है नागपंचमी ( Nagpanchami )। सावन महीने की शुक्ल पंचमी तिथि को हर वर्ष नागपंचमी मनाई जाती है। इस बार नागपंचमी का त्योहार 25 जुलाई शनिवार को पड़ रहा है।

इस बार नागपंचमी का त्योहार कुछ खास है। दरअसल ज्योतिषों के मुताबिक इस वर्ष नागपंचमी का पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के पहले चरण में पड़ रहा है। ज्योतिष बताते हैं ये योग काफी दुर्लभ है। यही वजह है कि इस बार नागपंचमी और भी खास है।

यात्री टिकटों को लेकर भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, जानें आईआरसीटी की इस पहल से क्या होगा फायदा

नागपंचमी पर भगवान शिव-पार्वती के साथ नाग की पूजा करने का महत्व है। इस वर्ष पड़ने वाले नागपंचमी के मुहूर्त की बात करें तो ये तिथि 24 जुलाई को दोपहर 2.55 से लेकर 25 जुलाई दोपहर 2 बजे तक रहेगी। वहीं पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक है।

आपको बता दें कि नागपंचमी का पर्व सांपों के संरक्षण और जैव विविधता को बनाये रखने का संदेश देता है।

कोरोना काल में ऐसे मनाएं नागपंचमी
कोरोना काल के चलते इस वर्ष ज्यादातर त्योहार घरों पर ही मनाए जा रहे हैं। यही वजह है कि इस बार नागपंचमी को लेकर भी सरकार ने हिदायत दी है। व्रत करने वाले श्रद्धालु अपने घर पर मिट्टी, गोबर या आटे से सर्प की आकृति बनाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।

आपको बता दें कि उत्तर भारत में नाग पंचमी के दिन मनसा देवी की पूजा होती है, जिन्हें नागों की माता कहा जाता है।

कोरोना संकट में सख्त हुई सरकार, मास्क ना पहनने पर देना होगा 1 लाख रुपए जुर्माना, दो साल की सजा को लेकर पास हुआ अध्यादेश

इनके लिए फलदायी होगी नागपंचमी
नागपंचमी मनाए जाने से ऋण मुक्ति और स्वास्थ्य के लिए विशेष शुभ है। कालसर्प योग के जातकों के लिए भी नागपंचमी के दिन पूजा विशेष फलदायी रहेगी। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार मंदिरों पर मेले नहीं लग पाएंगे। श्रद्धालु नागदेवता के दर्शन भी नहीं कर पाएंगे।

सांप को दूध पिलाने से बचें
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पांडे बताते हैं कि भले ही हिंदू परंपरा के मुताबिक नागपंचमी पर सांप को दूध पिलाया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि सांप स्तनधारी जीव नहीं है। ऐसे में सर्प को दूध पिलाने से उसका पाचन तंत्र खराब हो जाता है और असमय ही सांप की मृत्यु हो जाती है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग