
National Human Rights Commission issued advisories centre and state enact special law to dead bodies
नई दिल्ली। देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे के बीच मृतकों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC ) ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी करके मृतकों के अधिकार एवं सम्मान की रक्षा के लिए कानून बनाने सहेत कई सिफारिशें की हैं।
आयोग ने यह पहल कोविड-19 महामारी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के शवों का कथित तौर पर सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करने संबंधी खबरों के बीच की है।
कोरोना वायरस के चलते जान गंवा रहे लोगों के सम्मान को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हरकत में आया है। एनएचआरसी ने कहा कि शवों को सामूहिक रूप से दफनाया नहीं जाना चाहिए या दाह संस्कार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह मृतक के सम्मान और अधिकार का उल्लंघन है।
भुगतान ना होने पर शवों को ना रोकें अस्पताल
आयोग ने अनुशंसा की, अस्पताल प्रशासन को भुगतान लंबित होने पर किसी मरीज के शव को रोकने से सख्ती से रोका जाना चाहिए। इसी तरह लावारिस शवों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
विशेष कानून बनाने का सुझाव
आयोग की अनुशंसा में विशेष कानून बनाने का सुझाव दिया गया है ताकि मृतकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी
एनएचआरसी ने यूपी और बिहार में गंगा नदी में शवों के मिलने पर संज्ञान लिया। आयोग ने इस संबंध में केंद्र और दोनों राज्यों को भी नोटिस जारी करके रिपोर्ट तलब की है।
आपको बता दें कि एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में कई लाशें मिलने की शिकायतों के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और दोनों राज्यों को नोटिस जारी किया था।
Published on:
15 May 2021 11:15 am
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