
नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ( Andaman and Nicobar Island ) क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन ( Brahmos Anti Ship Missile ) का परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एंटी-शिप मोड में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ( BrahMos supersonic cruise missile ) का आज (मंगलवार) सुबह नौ बजे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।" यह परीक्षण भारतीय नौसेना ( Indian navy ) की ओर से किया गया।
ब्रह्मोस नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नामों का एक संयोजन
आईएएनएस के अनुसार ब्रह्मोस नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नामों का एक संयोजन है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO ) और एनपीओ मासिनोस्त्रोयेनिया की ओर से विकसित की गई है, जो रूस में ब्रह्मोस एयरोस्पेस संयुक्त उद्यम के रूप में अग्रणी एयरोस्पेस उद्यमों में से एक है और जो ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड बन गया है।
ब्रह्मोस का पहला प्रक्षेपण 2001 में हुआ था
इस मिसाइल ने खुद को त्रुटिहीन एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्षमताओं के साथ मल्टी-रोल और मल्टी-प्लेटफॉर्म क्षमताओं के साथ स्थापित किया है और इसे भारतीय सशस्त्र बलों के सभी तीनों विंगों में तैनात किया गया है। ब्रह्मोस का पहला प्रक्षेपण 2001 में हुआ था और अभी तक विभिन्न जहाजों, मोबाइल स्वायत्त लांचर और सुखोई-30 एमकेआई विमानों से कई प्रक्षेपण हुए हैं, जो इसे एक बहुमुखी हथियार बनाता है।
नौसेना ने लड़ाकू तत्परता को बढ़ाया
भारतीय नौसेना ने कहा है कि उसने अपनी लड़ाकू तत्परता को बढ़ाया है, क्योंकि ब्रह्मोस को अब बंगाल की खाड़ी में आईएनएस रणविजय से पिनपॉइंट सटीकता के साथ लॉन्च किया गया है। आईएनएस रणविजय भारतीय नौसेना का एक राजपूत-क्लास विध्वंसक युद्धपोत है
Updated on:
01 Dec 2020 09:22 pm
Published on:
01 Dec 2020 09:07 pm
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