
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए तमिलनाडु सरकार को नीट के तहत मेडिकल काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट पर तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी नहीं दे सकते। कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग प्रक्रिया 4 सितंबर तक हो जानी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा गया है कि तमिलनाडु को नीट से छूट नहीं दी जा सकती। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नीट 2017 के तहत प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाई थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार के एक ऑर्डिनेंस को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के परामर्श से मंजूरी दी थी, जो मेडिकल छात्रों को सामान्य प्रवेश परीक्षा नीट में उपस्थित होने से छूट देता है। ऐसे में तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि पिछले 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में मेडिकल दाखिले पर रोक लगा दी थी । कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई ) केंद्र और तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वे नीट में सफल हुए छात्रों और बिना नीट वाले ग्रामीण छात्रों के बीच संतुलन बनाएं । इस अध्यादेश से नीट क्वालिफाई किए किसी छात्र को नुकसान न हो और ये ध्यान रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वे ये बताएं कि स्टेट बोर्ड के कितने छात्र नीट में क्वालिफाई किए हैं । लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
MCI ने दाखिल की थी अर्जी
तमिलनाडु में अंडरग्रेजुएट मेडिकल दाखिले के लिए इस साल नीट से छूट देने के लिए केंद्र सरकार के प्रस्तावित अध्यादेश के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने कहा था कि तमिलनाडु को नीट से छूट नहीं दी जा सकती है।

Published on:
22 Aug 2017 09:30 pm
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