नए मसौदे में कई नियमों को जोड़ा गया है ताकि घाटी में में भारतीय सेना द्वारा ड्रोन गतिविधियों का सामना किया जा सके। जारी किए गए मसौदे के अनुसार अधिकतम जुर्माने की रकम को घटाकर 1 लाख रुपये किया गया है। ड्रोन को स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। साथ ही ड्रोन के कवरेज को 300 किग्रा से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है।
मसौदे में कहा गया है कि ग्रीन जोन में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की सीमा से आठ से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक ड्रोन उड़ान के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। नियमों में कहा गया है कि नैनो ड्रोन, माइक्रो ड्रोन और आरएंडडी संगठनों के लिए पायलट के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इन नियमों से ड्रोन रखना और उसे उड़ाना आसान हो जाएगा। जानकारों के अनुसार ये नियम इसलिए लाए गए हैं ताकि पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का जवाब उन्हीं की भाषा में दिया जा सके।
जरूर पढ़ें: मंत्री बनते ही सिंधिया ने दी मध्यप्रदेश को बड़ी सौगात, जल्द शुरू होंगी उड़ाने नए मसौदा नियमों में अलग-अलग स्वीकृतियों की जरूरत को भी समाप्त कर दिया गया है, जिनमें रखरखाव प्रमाण पत्र, ऑपरेटर परमिट, आयात मंजूरी आदि शामिल थे। मसौदे में कहा गया है कि भारत मे पंजीकृत विदेशी कंपनियों के ड्रोन के संचालन पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, ‘मसौदे के अंतर्गत सारे नियम विश्वास, स्व-प्रमाणन और बिना दखल के निगरानी के आधार पर ही बनाए गए हैं।’ बता दें कि हाल ही में मोदी सरकार में कैबिनेट का विस्तार किया गया था, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। सिंधिया एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राजस्थान के कोटा में एयरपोर्ट और मध्यप्रदेश में 8 उड़ानों को मंजूरी दी है। सिंधिया के कामों को देखते हुए उनकी खूब तारीफ की जा रही है और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी राज्य को नई सौगात देने के लिए सिंधिया को धन्यवाद ज्ञापित कर चुके हैं।