
समर्थन में उतरने किसानों का कहना है कि मंडी के दलालों से पहली बार उन्हें आजादी मिली है।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन में अब नया मोड़ आ गया है। अभी तक दिल्ली बॉर्डर पर किसान इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अब केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के समर्थन में किसान सड़कों पर उतर आएं हैं। जानकारी के मुताबिक मेरठ सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा किसान दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली व अपने निजी वाहनों में हैं। किसानों का समर्थन में दिल्ली कूच से दिल्ली बॉर्डर पर दोनों गुटों के बीच टकराव के आसान बढ़ गए हैं।
हमें मोदी सरकार पर भरोसा है
कृषि कानून के समर्थन में दिल्ली कूच करने वाले किसानों का कहना है कि मोदी सरकार अगर कृषि कानून में संशोधन के लिए तैयार हो गई है तो फिर किस बात का विवाद है। मोदी सरकार हमेशा गांव गरीब और किसानों की बात करती है। इसलिए हमें मोदी सरकार पर भरोसा है कि वह हमारे साथ गलत नहीं करेगी। इन किसानों का कहना है कि मंडी के दलालों से पहली बार उन्हें आजादी मिली है। वह अपनी फसल को देश के किसी भी कोने में बेच सकते हैं। वहीं कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में उन्हें यह अधिकार दिया गया है कि वह चाहें तो कॉन्ट्रैक्ट करें, न चाहे तो नहीं करें। किसानों से कोई जबरन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नहीं करा सकता।
Updated on:
20 Dec 2020 02:07 pm
Published on:
20 Dec 2020 12:23 pm
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