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निर्भया केसः कानूनी नहीं अब दूसरे विकल्पों से फांसी टालने में जुटे दोषी

Nirbhaya Gangrape Case फांसी से बचने के लिए दोषियों की नई चाल कानूनी नहीं दूसरे विकल्पों से फांसी टालने की कोशिश Tihar Jail में बढ़ाई गई दोषियों की सुरक्षा

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Nribhaya case

निर्भया गैंगरेप के दोषी

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वर्ष 20102 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड ( Nirbhaya Gang rape case ) मामले में रोजाना नए मोड़ सामने आ रहे हैं। चारों दोषियों के खिलाफ जारी हुए तीसरे डेथ वारंट के बाद भी दोषी लगातार फांसी से बचने के लिए नए दांव-पेच चल रहे हैं।

नए डेथ वारंट के मुताबिक 3 मार्च सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी होनी है। चारों में दोषियों में तीस दोषी अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं जबकि चौथे दोषी पवन गुप्ता के पास अभी कानूनी विकल्प बचे हैं। ऐसे में एक तरफ तो दोषी कानूनी रास्तों से बचने के लिए एढ़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्होंने अब दूसरे विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है।

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ये हैं कानूनी विकल्प
कानूनी विकल्पों की बात करें तो पवन गुप्ता के पास फिलहाल तीन विकल्प मौजूद हैं। इसमें पहला विकल्प है क्यूरेटिव पिटिशन का। इस विकल्प के खारिज होने पर पवन राष्ट्रपति को दया याचिका भेज सकता है। राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होने पर भी पवन इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। ऐसे में इन विकल्पों के इस्तेमाल तक चारों दोषियों की फांसी टल जाएगी।

अपना रहे इन विकल्पों का रास्ता
पवन के अलावा तीन दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। ऐसे में वो दूसरे विकल्पों को अपना कर फांसी से बचने में जुटे हैं। इनमें विनय लगातार नई-नई चालें चल रहा है।

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खुद को नुकसान पहुंचाना भी रणनीति
फांसी से बचने के लिए विनय लगातार खुद को चोट पहुंचा रहा है। भूख हड़ताल पर बैठकर वो अपना वजन लगातार कम कर रहा है। फांसी से पहले तय सीमा से उसका वजन कम पाया जाता है तो फांसी रोक दी जाती है।

मानसिक अवस्था का हवाला
डेथ वारंट जारी होते ही विनय के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। विनय की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है। नया डेथ वॉरंट जारी होने के बाद से उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई है।

हाथ फ्रैक्चर करने की कोशिश
खुद को चोटिल करने में जुटा विनय जेल के ग्रिल्स में अपना हाथ फंसाकर फ्रैक्चर करने की भी कोशिश कर चुका है। उसके वकील एपी सिंह ने कहा कि यह घटना 16 फरवरी को हुई थी और विनय की मां ने उन्हें अगले दिन इसकी जानकारी दी थी। 17 फरवरी को विनय ने अपनी मां को पहचानने से भी इनकार कर दिया था।

दीवार पर पटका सिर
हाथ फ्रैक्चर और मानसिक अवस्था के दांव के बाद विनय ने दीवार पर सिर पटक कर खुद को चोटिल करने की चाल भी चली। हालांकि समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने उसे गंभीर रूप से घायल होने से बचा लिया।

खुदकुशी की कोशिश
घटना के बाद चारों दोषियों की सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। विनय पहले भी जेल में खुदकुशी की कोशिश कर चुका है।

जेल प्रशासन रखता है ख्याल
फांसी के फंदे पर लटकाए जाने से पहले किसी भी दोषी का अच्छे से मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि फंदे पर लटकने से पहले दोषी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो। यहां तक की फांसी के तख्त पर ले जाने से तुरंत पहले दोषी का ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान आदि की जांच की जाती है।

अगर दोषी खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने तक फांसी टल सकती है। साथ वजन कम होने की स्थिति में भी फांसी टल सकती है।

फांसी टलेगी, रद्द नहीं होगी
खुद को चोटिल करके कोई भी दोषी अपनी फांसी को टाल तो सकता है, लेकिन उसे खत्म नहीं कर सकता है।