यही नहीं पवन ने निचली अदालत की ओर से जारी किए गए डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है। पवन के वकील एपी सिंह ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल करते हुए कहा कि पवन को फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए।
दिल्ली हिंसा के बीच महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिम समुदाय को लेकर लिया बड़ा फैसला पवन के पास बाकी हैं कानूनी विकल्पनिर्भया गैंगरे के चारों दोषियों में से पवन गुप्ता ही एक ऐसा दोषी है जिसके पास कानूनी विकल्प बाकी हैं।
वहीं तीन दोषी मुकेश, विनय और अक्षय के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। इन तीनों की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। अक्षय के पास बाकी है ये विकल्प
निर्भया के दोषी अक्षय के पास एक विकल्प बचा है। अक्षय ने अभी राष्ट्रपति की दया याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी है।
जबकि दो अन्य दोषियों ने दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी थी। 3 मार्च को फांसी, 5 मार्च को SC में सुनवाई
आपको बता दें कि दिल्ली कोर्ट ने 3 मार्च को निर्भया के दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी किया है। इसी आधार पर तिहाड़ जेल प्रशासन एक बार फिर फांसी की तैयारी कर रहा है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दोषियों अलग-अलग फांसी दिए जाने वाले मामले को लेकर 5 मार्च को सुनवाई होनी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर 3 मार्च को फांसी तय है तो 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कैसे होगी?
जानकारों की मानें तो जल्द से जल्द इस मामले पर कोर्ट की ओर से कोई नया निर्देश आ सकता है।