
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले ( Nirbhaya gangrape Case ) में आज का दिन काफी अहम है। निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ( President ) की ओर से खारिज किए जाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ( patiala house court ) ने चारों दोषियों को फांसी की अगली तारीख 1 फरवरी सुनाई है। लेकिन इस बीच दोषी पवन गुप्ता की याचिका ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।
पवन ने कोर्ट में याचिका लगाई है कि गैंगरेप के वक्त वो नाबालिग था, ऐसे में उसकी सजा नाबालिग की श्रेणी के तहत दी जाए। पवन गुप्ता की इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई है।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पवन के नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
वकील एपी सिंह के जरिए दायर अपनी याचिका में पवन ने दावा किया कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए अपराध के दौरान वह नाबालिग था। पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले में मृत्युदंड के खिलाफ अपनी पुनर्विचार याचिका में नाबालिग होने का दावा किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ जुलाई को भी उसकी याचिका खारिज कर दी थी। वहीं पवन के वकील एपी सिंह को बार काउंसिल ने नोटिस जारी किया है।
दरअसल पवन ने हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में दावा किया था कि उसके स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 है। पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे पिछले साल 21 दिसंबर को खारिज कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करेगी।
इसके साथ ही उसने अधिकारियों को फांसी की सजा पर अमल रोकने का निर्देश देने की भी अपील है। दोषियों को फांसी देने के लिये एक फरवरी की तारीख तय की गई है।
उसने हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें गुप्ता के वकील को फर्जी दस्तावेज दायर करने और अदालत में पेश नहीं होने के लिए फटकार भी लगाई गई थी।
Updated on:
20 Jan 2020 12:01 pm
Published on:
20 Jan 2020 10:59 am
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