दोषियों की फांसी टलने पर निर्भया की मां बोलीं- पूरा सिस्टम करता है दोषियों की मदद
- तीसरी बार डेथ वारंट पर रोक लगाने से दुखी हो गईं निर्भया की मां।
- पिता ने कहा- अगली तारीख पर जरूर होगी चारों दोषियों को फांसी।
- पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार के डेथ वारंट पर लगाई है रोक।

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस के चार दोषियों की मंगलवार 3 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने के आदेश के बाद पीड़िता की मां ने अपना आपा खो दिया। वर्ष 2012 में हुए इस वीभत्स घटना में निर्भया की मां ने सोमवार को कहा कि यह पूरा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अपराधियों की मदद करता है।
निर्भया की मां ने कहा, "दोषियों को फांसी क्यों नहीं हो रही है। क्यों अदालत दोषियों को फांसी देने के अपने आदेश को लागू करने में इतना वक्त ले रही है? बार-बार फांसी दिए जाने की तारीख को आगे बढ़ाना सिस्टम की नाकामी का सबूत देता है। हमारा पूरा सिस्टम ही अपराधियों की मदद करता है। दोषी नहीं चाहते हैं कि उन्हें फांसी हो।"
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दरअसल सोमवार को निर्भया केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को मंगलवार को फांसी देने के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इससे पहले दिन में सभी पक्षों को सुनने के बाद पवन गुप्ता द्वारा दायर की गई याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Why is the court taking so much time to execute its own order to hang the convicts? Repeated postponing of the execution shows the failure of our system. Our entire system supports criminals. pic.twitter.com/JFmU1qSU46
— ANI (@ANI) March 2, 2020
वहीं, अदालत के फैसले के बाद निर्भया के पिता ने कहा फांसी टलने का कारण जेल प्रशासन की कुछ खामियां रही हैं। इसे किसी की गलती नहीं कहा जा सकता। यह एक प्रक्रिया का हिस्सा है। चूंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद नहीं थे, इसिलए उनके आने के बाद दोषी की दया याचिका वहां भेजी गई है। अब पूरी उम्मीद है कि जो भी अगली तारीख तय होगी, उसमें दोषियों की फांसी जरूर होगी।
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बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के चारों दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश की मंगलवार 3 मार्च सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक लगा दी है। अदालत ने डेथ वारंट पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि दोषी को उपलब्ध सभी विकल्पों के इस्तेमाल की आजादी है।
अदालत ने यह फैसला दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह द्वारा दाखिल की गई अर्जी के बाद सुनाया है। एपी सिंह ने सोमवार दोपहर पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा डेथ वारंट को बरकरार रखे जाने के आदेश के बाद याचिका दाखिल की थी, कि जब दोषी की दया याचिका फिलहाल राष्ट्रपति के पास गई है तो कैसे फांसी दी जा सकती है। अदालत ने बाद में मामले की सुनवाई करते हुए फांसी देने के अपने आदेश पर रोक लगा दी।
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi Court has deferred the matter as the mercy petition of one of the convicts, Pawan is pending before the President of India https://t.co/rwEpu1VLWk
— ANI (@ANI) March 2, 2020
वहीं, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जस्टिस की संविधान पीठ ने पवन कुमार गुप्ता द्वारा दायर क्यूरेटिव पेटिशन को खारिज कर दिया। इस संबंध में जारी आदेश में जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, "मौखिक सुनवाई के एक आवेदन को खारिज कर दिया गया है। सजा-ए-मौत के लिए फांसी देने पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी गई। जबकि हस्ताक्षर किए गए आदेश के लिहाज से क्यूरेटिव पेटिशन भी खारिज कर दी गई।"
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