
निजामुद्दीन मरकज मामले (Nizamuddin Markaz Case) में आरोपी मौलाना साद अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस की चेतावनियों के बाद भी वे अभी तक सामने नहीं आया है। कोरोना (Coronavirus) को लेकर बरती गई बड़ी लापरवाही के आरोप में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में क्राइम ब्रांच (crime branch) अब एक कदम और आगे बढ़ी है। क्राइम ब्रांच की ओर से मरकज की मैनेजमेंट से जुड़े साद के करीबी पांच अन्य आरोपियों के पासपोर्ट समेत कुछ अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
देश से बारह नहीं जा सकेगा कोई भी आरोपी
ये पांचों आरोपी मरकज की महत्वपूर्ण युनिटों की कमान संभालते थे। इन्हें मौलाना के बेहद करीबी माना जाता है। मौलाना साद मरकज से जुड़े जो भी बड़े फैसले लेते थे, वो सब इन लोगों की जानकारी में होते थे। इस कार्रवाई के बाद जब तक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, कोई भी आरोपी देश से बाहर नहीं जा सकेगा। बता दें, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच टीम मौलाना साद के घर और फार्म हाउस पर भी छापेमारी कर चुकी है।
कोर टीम के लोगों की बारीकी से जांच
मौलाना साद ने आरोपियों को अपनी कोर टीम में शामिल कर रखा था। कोई भी बड़ा फैसला लेने पर वे इन लोगों से सलाह जरूर लेते थे। मौलाना के तीन बेटे और एक भांजे समेत चार लोग जमात से जुड़ी आर्थिक व्यवस्थाओं को देखते थे। इन चार लोगों समेत जांच टीम कुल 11 लोगों से बारीकी से पूछताछ कर रही है। साद का बीच वाला बेटा मरकज की गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय रहता है।
विदेशी जमातियों से भी पूछताछ
जांच टीम ने विदेश से आए जमातियों को भी जांच के घेरे में लिया है। उनसे भी पूछताछ की जा रही है। क्वारंटाइन में रखे गए विदेशी जमातियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। नोटिस देकर उनके पासपोर्ट और वीजा सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। बता दें, विदेशों से आए 916 जमातियों को दिल्ली के अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है।
Updated on:
25 May 2020 11:16 am
Published on:
25 May 2020 11:06 am
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