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निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्निर्माण, रोजाना 2.5 लाख यात्रियों को होगा फायदा

रेनोवेशन के काम में लोगों को नए शौचालय, वेटिंग रूम और टैक्सी लेन्स मिलेंगी।

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Nizamuddin Railway Station

Nizamuddin Station

नई दिल्ली। हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन देश के बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक हैं, लेकिन मौजूदा समय में इस स्टेशन की दुर्दशा हुई पड़ी है। यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं पर यहां ध्यान नहीं दिया गया है, लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने ये तय किया है निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के रेनोवेशन का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। आपको बता दें कि इस स्टेशन से रोजाना करीब 2.5 लाख यात्री आते-जाते हैं। रेलवे ने आने वाले दिनों में इसके रेनोवेशन का काम शुरू करने का ऐलान किया है।

स्टेशन के रेनोवेशन में होंगे ये काम

जानकारी के मुताबिक, रेनोवेशन के काम में लोगों को नए शौचालय, वेटिंग रूम और टैक्सी लेन्स मिलेंगी। इसके अलावा यात्रियों के सामने एक बड़ी समस्या ये भी है कि स्टेशन तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी दूर तक पैदल चलना होता है, क्योंकि स्टेशन तक जाने वाले रास्ते को फिलाहल ऑटोरिक्शा, टैक्सी वालों ने घेरा हुआ है, जिस वजह से यात्रियों को अपने वाहन स्टेशन से कई किलीमीटर दूर पार्क करने पड़ते हैं। वहीं कुछ यात्री दूसरी दिशा से आते हैं जो इसके मुकाबले काफी लंबा पड़ता है।

रेलवे स्टेशन के आसपास के इलाके की होगी कायापलट

इस समस्या को लेकर नॉर्थ रेलवे का कहना है कि ऑटो और टैक्सी वाले जिस रास्ते को घेरे रहते हैं, वो साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है। उत्तर रेलवे उसके अधिग्रहण की कोशिश में लगा हुआ लेकिन SDMC का कोई जवाब अबतक नहीं आया है। रास्ते के साथ-साथ वहां SDMC का एक बड़ा प्लाट भी है। उत्तर रेलवे उसे लेकर वहां पार्किंग बनाने का भी विचार कर रहा है। उसके बदले SDMC को कोई दूसरी जगह दी जाएगी। साथ ही सड़क घेरकर बैठे रेहडी-पटरीवालों को हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की मदद ली जा रही है।

रेलवे अधिकारियों ने उपराज्यपाल से की है मुलाकात

इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए डिविजनल रेलवे मैनेजर आरएन सिंह ने बताया है कि रेलवे स्टेशन के आसपास के रोड को चौड़ा करने का ड्राफ्ट प्लान है। उनके मुताबिक, स्टेशन के आसपास बसे गावों के लोग भी उस सड़क का इस्तेमाल करते हैं जिससे जाम की समस्या अक्सर बनी रहती है। रेलवे उस सड़क को चौड़ा करना चाहती है। रेलवे के प्लान में वहां ज्यादा हरियाली उगाने और टॉइलट बनाने का है। लेकिन उनके सामने परेशानी यह है कि पटरीवालों को अगर भगा भी दिया जाता है तो वो कुछ दिन बाद फिर से लौट आते हैं। अपने प्लान को लेकर उत्तर रेलवे के अधिकारी दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से भी मिले थे। तब पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली स्टेशन से जुड़ी परेशानियों पर भी बात हुई थी।