
नई दिल्ली। पहले कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और फिर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पेपर लीक होने के बाद अब दूसरे परीक्षा बोर्डों में भी इसका खौफ छा गया है। दिल्ली सरकार के लिए कर्मचारियों का चयन करने वाले दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ( डीएसएसएसबी) ने अॉफिस में कर्मचारियों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।
गोपनीय जानकारी हो सकती है लीक
डीएसएसएसबी के जुड़े अधिकारियों का मानना है कि मोबाइल फोन में कई तरह के एप्स होते हैं। अंदेशा इस बात का है कि स्टॉफ अलग – अलग तरह के मोबाइल फोन एप्स के जरिये भर्ती संबंधी प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को आसानी से लीक कर सकता है। ऐसे में यह जरुरी है कि दफ्तर के भीतर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाए।
जमा कराना होगा मोबाइल
एसएसबी ने अपने सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को लिखित निर्देश जारी किया है कि मुख्यालय में दाखिल होते ही अपना मोबाइल फोन मुख्य द्वार पर स्थित रिशेप्शन पर जमा करा देें। वहीं अॉफिस की अवधि समाप्त होने के बाद कांउटर से अपना मोबाइल ले लें। यह आदेश उप सचिव प्रशासन के हस्ताक्षर से गुरुवार को जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि इस आदेश का पालन नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया जाएगा।
कर्मचारी गेम खेलने में व्यस्त थे
पर्चा लीक होने के डर के अलावा कर्मचारियों के फोन पर मनोरंजन में व्यस्त होने को भी इस आदेश की वजह माना गया है। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने के अलावा कर्मचारियों की ओर सेे मोबाइल फोन पर अनुत्पादक काम में समय बिताने पर भी इस आदेश से रोक लगेगी।
मोबाइल के बिना भी होते हैं पर्चे लीक
एसएससी और सीबीएसई के पर्चे लीक होने के बाद से देश भर में युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किए थे। एसएससी के सीजीएल टीयर टू (कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल टू) की परीक्षा में इस साल 21 फरवरी को एक परीक्षार्थी के कंप्यूटर का स्क्रीनशाट वायरल हुआ। सवाल यह है कि परीक्षा के दौरान जहां सुरक्षा के पूरे मापदंडों को अपनाया जाता है वहां से स्क्रीनशाट कैसे लीक हुआ। छात्रों का दावा था कि रिमोट एक्सेस स्क्रीन शेयरिंग तकनीक से ये सब कुछ संभव हो पाया। जो स्क्रीन शॉट वायरल हुआ है उसके नीचे एनीडेस्क आइकान बना है। एनीडेस्क एक साफ्टवेयर है जिसका उपयोग रिमोट शेयरिंग स्क्रीन के दौरान होता है। इस साफ्टवेयर से आप कहीं भी हों आपके कम्यूटर के डेस्कटॉप पर जो कुछ भी लिखा होगा वो किसी दूसरे कम्पूटर पर भी देखा पढ़ा और लिखा जा सकता है। एनीडेस्क से ही मिलता जुलता एमीडेस्क साफ्टवेयर भी है जिसका इस्तेमाल इस परीक्षा के दौरान किया गया। छात्रों के द्वारा परीक्षा के दौरान इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया और प्रश्नों के जबाव दूसरी जगह से उन्हें लिखित मिले।
Published on:
28 Apr 2018 03:53 pm
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