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कोर्ट का आदेश, डेंगू से मौत हुई तो दर्ज कराया जाए गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को आदेश दिया है कि यदि डेंगू से कोई मौत होती तो गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए।

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नई दिल्ली। राजधानी में डेंगू से हर साल होने वाली मौतों को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को आदेश दिया है कि यदि डेंगू से कोई मौत होती तो गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए। आदेश में एमसीडी अफसरों से कहा गया है कि मलेरिया व डेंगू के मच्छर की ब्रिडिंग कूड़ा करकट और पानी के इकट्ठा होने से होती है। जिसकी जिम्मेदारी एमसीडी सफाई कर्मचारियों की है। यदि डेंगू और मलेरिया से किसी की मौत का मामला सामने आता तो संबंधित क्षेत्र के सफाई कर्मचारियों को ही दोषी समझा जाए और उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाए। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यहां तक कहा कि इसके लिए पड़ोस व आसपास रहने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। बता दें कि दिल्ली में हर साल डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। अब जबकि मानसून आने में समय है, बावजूद इसके डेंगू के कई केस देखे जा चुके हैं।

पड़ोसियों के खिलाफ भी ऐक्शन

दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अफसर की मानें तो डेंगू के मामलों में अब सख्ती बरती जाएगी। कोर्ट के अनुसार अब मृतक के घर के आसपास रह रहे लोगों के घरों की भी चेकिंग की जाएगी। यदि वहां पानी का जमाव, गंदगी या मच्छरों की ब्रिडिंग आदि के केस पाए जाते हैं तो उन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

11 अप्रैल को हुई थी सुनवाई

दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हाईकोर्ट ने इस मामले में 11 अप्रैल को सुनवाई की थी। एमसीडी के एक अधिकारी एमएचओ बीके हजारिका के मुताबिक कोर्ट ने सीधा आदेश दिया है कि डेंगू से होने वाली मौतों में कमी लाई जाए। इसके लिए मच्छरों की ब्रिडिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए, चाहे इसके लिए कितनी भी सख्ती बरती जाए। उनके अनुसार कोर्ट ने दो टूक कहा है कि यदि डेंगू से कोई मौत होती है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के सफाई कर्मचारी जवाबदेह होंगे।