
शिक्षकों को हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण रोल होता है।
नई दिल्ली। तीन दिन बाद यानि 5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस ( Teachers Day ) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह से शिक्षकों के लिए समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर हम सभी अपने शिक्षकों को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। दरअसल, शिक्षकों को हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण रोल होता है। वह अपनी जिंदगी से समय निकालकर बच्चों की जिंदगी सवांरते हैं।
इसलिए हर शिक्षक सम्मान डिजर्व ( Teacher honour ) करता है। बच्चे टीचर्स डे के दिन उन्हें खास महसूस करवाने के लिए उन्हें उपहार भेंट करते हैं। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए जीवन में शिक्षकों की अहमियत का जिक्र भी करते हैं।
आइए हम अपने गुरुओं के सम्मान शिक्षक दिवस पर कुछ बचनों के जरिए करें। टीचर्स डे पर आधारित यह सभी Ideal Quotes उन समस्त शिक्षकों को समर्पित करें जो भारत के भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
1. दिया ज्ञान का भंडार
मुझे किया भविष्य के लिए तैयार
अपने उस उपकार के लिए नहीं हैं शब्द
मेरे पास आभार के लिए!
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
2. जीवन में कभी हार न मानना
संघर्षों से कभी न डरना
मुसीबतों का करना डर कर सामना
और सदा नए पथ पर है चलना
ये आप ही तो हमें सिखाते हो
इसलिए शिक्षक कहलाते हो!
सभी शिक्षकों को कोटि-कोटि अभिनंदन
3. मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद
मुझे सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद
मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद
मेरा मित्र, गुरु और प्रकाश बनने के लिए धन्यवाद।
हैप्पी टीचर्स डे
4. साक्षर हमें बनाते हैं
जीवन क्या है समझाते हैं
जब गिरते हैं हम हार कर
तो साहस वही बढाते हैं
5. जो बनाए हमें इंसान
और दे सही-गलत की पहचान
देश के उन निर्माताओं को
हम करते हैं शत-शत प्रणाम! हैप्पी टीचर्स डे
6. बोलना हमको सिखाया आपने,
पथ सही हमको दिखाया आपने
हम थे अनपढ़ और मूर्ख अब तलक
ज्ञान का दीपक जलाया आपने ।
7. इन कमल चरणों में हमको स्थान दो
ले शरण अपनी हमें सम्मान दो..
तुम तलक आने की हमको राह दे
ऐसा गुरुवर ही हमें भगवान दो... ।
किसकी याद में मनाते हैं टीचर्स डे
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Dr. Sarvepalli Radhakrishnan ) का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन एक बेहद अच्छे और महान टीचर थे। उनका कहना था कि, अच्छा टीचर वो होता है जो हमेशा सिखता है और अपने छात्रों को सिखाने से भागता नहीं है। एक बच्चे का अपना घर को विद्यालय को कहा जाता है। इसके बाद शिक्षक या गुरु आता है जो एक बच्चे को जीवनभर उसका नेतृत्व दिखाता है।
Updated on:
02 Sept 2020 12:18 pm
Published on:
02 Sept 2020 11:56 am
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