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कोरोना की दूसरी लहर के बीच चार सप्ताह के लॉकडाउन में 8 लाख प्रवासियों ने छोड़ी दिल्ली

दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के पहले चार हफ्तों में आठ लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों ने राष्ट्रीय राजधानी को छोड़ दिया है।

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Over 8 lakh migrants leave Delhi in four-week lockdown amid Covid second wave: Report

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दूसरी लहर के दौरान अलग-अलग राज्यों में लगे लॉकडाउन की अवधि में प्रवासियों में फिर से भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिली। हालांकि, पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की अवधि में जिस तरह से प्रवासियों में हाहाकार मचा था और अपने-अपने घर जाने के लिए सड़कों पर निकल पड़े थे, वैसी हालात तो दूसरी लहर के दौरान नहीं दिखी, लेकिन इसके बावजूद लाखों प्रवासी अपने-अपने घर को लौटे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के बीच चार सप्ताह के लॉकडाउन में 8 लाख से अधिक प्रवासियों ने दिल्ली को छोड़ दिया। दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के पहले चार हफ्तों में आठ लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों ने राष्ट्रीय राजधानी को छोड़ दिया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, 19 अप्रैल से 14 मई के बीच कुल 8,07,032 प्रवासी श्रमिक बसों में दिल्ली से अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हुए, जिनमें से 3,79,604 लॉकडाउन के पहले सप्ताह के दौरान ही चले गए। इसके बाद से संख्या घटने लगी और दूसरे सप्ताह में 2,12,448, तीसरे सप्ताह में 1,22,490 और चौथे सप्ताह में 92,490 प्रवासी दिल्ली को छोड़कर अपने-अपने घर के लिए रवाना हुए।

यूपी-उत्तराखंड के अधिक प्रवासी लौटे अपने घर

रिपोर्ट में कहा गया है, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के परिवहन अधिकारियों के साथ समय पर समन्वय से लगभग आठ लाख प्रवासी श्रमिकों को बिना किसी कठिनाई के अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिली है।"

इसमें आगे कहा गया है कि लॉकडाउन के चार हफ्तों के दौरान 21,879 अंतरराज्यीय बस यात्राएं हुईं। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 अप्रैल को पहले लॉकडाउन की घोषणा की, जिसे बाद में एक-एक सप्ताह की अवधि तक बढ़ाया गया। अभी 16 मई को आखिरी बार एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है। अब संक्रमण के मामलों के मद्देनजर सरकार इसे आगे बढ़ाने पर विचार करेगी।

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इससे पहले मार्च 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान के अनुभव से सीखते हुए दिल्ली परिवहन विभाग ने इस बार प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में बसों की प्रतिनियुक्ति की थी।

अंतरराज्यीय मार्गों पर 500 क्लस्टर बसें तैनात

रिपोर्ट में कहा गया है, "परिवहन विभाग, दिल्ली सरकार के एनसीटी ने आपात स्थिति के तहत अंतरराज्यीय मार्गों पर 500 क्लस्टर बसों की तैनाती के लिए एक योजना तैयार की है। ओवरचार्जिंग की कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि अंतरराज्यीय बसों का स्वामित्व और संचालन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।"

रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि वर्तमान लॉकडाउन में प्रवासियों द्वारा "ट्रेन यात्रा" एक पसंदीदा विकल्प है, क्योंकि मार्च में पिछले साल के लॉकडाउन के विपरीत इस बार ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।