
Delhi HC
दिल्ली।अगर संतान की किसी सड़क हादसे में मौत हो जाती है, तो पीड़ित माता-पिता को मुआवजा का पूरा अधिकार है। ये बात दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) ने कही है। अदालत ने साल 2008 में हुई एक सड़क दुर्घटना (Road Accident) के केस की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने कहा है कि माता-पिता जीवन के किसी चरण में अपने बच्चों पर आश्रित होते हैं और सड़क हादसे में अपनी संतान को खोने वालों को मुआवजा देने से इनकार करना न्याय के खिलाफ होगा।
उन्होंने आगे कहा माता-पिता कितने भी सक्षम हों लेकिन कभी न कभी अपनी संतान पर आर्थिक और भावनात्मक रूप से निश्चित रूप से निर्भर रहते हैं, जैसे बचपन में बच्चा उनके उपर निर्भर रहता है। ऐसे में अगर को अपने बच्चे को सड़क दुर्घटना में खो देता हैं, तो उन्हें मुआवजे पूरा अधिकार है। और अगर कोई पीड़ित माता-पिता को मुआवजा देने से इनकार करता है तो वो सीधे तौर पर न्याय के खिलाफ होगा।
बता दें दिल्ली हाई कोर्ट ने सारी बातें साल 2008 में एक सड़क दुर्घटना में अपने 23 साल के बेटे को खोने वाली महिला को मुआवजा दिये जाने का आदेश देते हुए यह कही। कोर्ट ने उनकी मुआवजा राशि को 2.42 लाख रुपये से बढ़ाकर 6.80 लाख रुपये भी कर दिया था।
Published on:
17 Jan 2021 06:31 pm
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