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ट्विटर इंडिया को संसदीय समिति का सख्त संदेश, कहा- भारतीय कानून का करना होगा पालन

locationनई दिल्लीPublished: Jun 18, 2021 09:18:35 pm

Submitted by:

Anil Kumar

संसदीय स्थायी समिति ( Parliamentary Standing Committee ) ने सूचना प्रौद्योगिकी पर ट्विटर इंडिया को एक सख्त संदेश देते हुए कहा माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को देश के कानून का पालन करना चाहिए।

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Parliamentary committee’s strict message to Twitter India, said- Indian law has to be followed

नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी को लेकर देश में लागू नए नियमों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सरकार के बीच जारी विवाद पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हर किसी को देश का कानून मानना पड़ेगा।

संसदीय स्थायी समिति ( Parliamentary Standing Committee ) ने सूचना प्रौद्योगिकी पर ट्विटर इंडिया को एक सख्त संदेश देते हुए कहा माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को देश के कानून का पालन करना चाहिए। गुरुवार को पैनल की बैठक के दौरान ट्विटर के प्रतिनिधियों से पूछा गया कि क्या ट्विटर इंडिया कानून का पालन करता है। इसपर ट्विटर प्रतिनिधि ने कहा “हम अपनी नीतियों का पालन करते हैं”।

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इस बैठक में ट्विटर इंडिया के दो प्रतिनिधि (कानूनी और नीतिगत विंग से) शामिल हुए। बैठक के दो दिन बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर को फटकार लगाई और कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अवसर दिए जाने के बावजूद नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए “जानबूझकर चुना” था।

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संसदीय पैनल ने लिखित में मांगा नियुक्ति का विवरण

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, संसदीय समिति के सदस्यों ने ट्विटर के प्रतिनिधियों को लिखित में यह बताने के लिए कहा कि “आपको ट्विटर इंडिया में कैसे रखा गया है और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने के मामले में आपके पास कितना कार्यकारी अधिकार है”।

सूत्रों के मुताबिक, ट्विटर को संसदीय पैनल के सदस्यों द्वारा “भारतीय नियमों का पालन नहीं करने” के लिए ग्रिल किया गया था, जिसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति होती है। ट्विटर से पूछा गया कि भारतीय कानून और संबंधित नियमों के “गैर-अनुपालन” पर कंपनी पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।

ट्विटर के प्रतिनिधियों ने पैनल को बताया कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं और उन्होंने एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है। हालांकि, सदस्यों ने नोट किया कि नियमों के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की आवश्यकता है और ट्विटर ऐसा करने में “विफल” रहा है।

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सदस्यों ने यह भी कहा है कि आयरलैंड में पहले “देश के कानून का पालन नहीं करने के लिए” ट्विटर पर जुर्माना लगाया गया था। समिति ने अगली बैठक में “गूगल, यूट्यूब, फेसबुक और अन्य” को बुलाने का फैसला किया लेकिन तारीख अभी तय नहीं की गई थी।

यह था बैठक का एजेंडा

सूत्रों ने कहा कि भाजपा के एक सांसद ने आज की बैठक में गाजियाबाद की घटना और ट्विटर की भूमिका को उठाने की मांग की लेकिन यह चर्चा का हिस्सा नहीं था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाले पैनल की बैठक का एजेंडा ‘नागरिकों के अधिकारों की रक्षा’ और डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सोशल/ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकना था।

पैनल ने ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों को अपने समक्ष पेश होने के लिए तलब किया था। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साक्ष्य भी बैठक के एजेंडे में थे।

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