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यूके सहित कुछ देशों में कोरोना के बदलते वायरस की जानकारी के बाद सरकार ने तीन तरीके अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा जगहों पर स्थानीय स्तर पर सीरोलॉजिकल सर्वे यानी बिना लक्षण के लोगों की भी जांच कर वायरस को आंकने का फैसला किया गया है। इसमें वायरस के बदले स्वरूप पर नजर रखी जाएगी। किसी भी जगह इसकी पहचान होते ही वहां बहुत गंभीरता से क्वारंटाइन और कांट्रैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्र के मुताबिक इन उपायों को अपनाए जाने के साथ ही यह भी विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा कि आम लोगों में कोई अनावश्यक घबराहट नहीं फैले।
इस संबंध में केंद्र सरकार ने सोमवार को दो बैठकें आयोजित कीं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में ज्वाइंट मोनिटरिंग ग्रुप की बैठक हुई। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और एम्स के शीर्ष विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। बैठक में विशेषज्ञों ने स्पष्ट तौर पर माना है कि यूके में बदलता वायरस तेजी से पनप और बढ़ रहा है। इस स्वरूप में असामान्य रूप से जेनेटिक बदलाव पाए गए हैं। खास तौर पर स्पाइक प्रोटीन में। हालांकि विशेषज्ञों ने इसी तरह प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन की अध्यक्षता में एक और बैठक हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने तैयारियों का जायजा लिया। विशेषज्ञों का कहना था कि भारत ने पिछले ढाई महीने से नए मामलों और मौतों को सीमित करने में काफी कामयाबी हासिल की है। ऐसे में बदला वायरस इस प्रयास पर पानी फेर सकता है।
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ये चार कदम-
1. ऐसे सभी देशों पर नजर रखी जाए, जहां वायरस बदल रहा
2. पुष्टि होते ही संबंधित देश से आवाजाही रोक दी जाए
3. सभी राज्यों में अधिकतम सीरो सर्वे किए जाएं
4. कहीं भी बदले वायरस के मिलते ही क्वारंटाइन और कांट्रैक्ट ट्रेसिंग को तेज कर दिया जाए