Patrika Positive News: अस्पताल जाने के लिए नहीं था रास्ता, युवाओं ने बनाई सड़क
व्यवसायी संतोष अग्रवाल बीते दिनों कोरोना से संक्रमित हुए थे। घर में उनका इलाज चल रहा था। मगर आठ दिनों के अंदर उनकी तबीयत खराब होने लगी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मगर सही समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई।
मृतक के 12 वर्षीय पुत्र ने एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई
उनके मित्रों का कहना है कि संतोष के जाने के बाद वे काफी दुखी थे। इसके बाद उन्हें विचार आया कि लोग सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मर रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में मरीज छटपटा रहे हैं। कोरोना महामारी में एम्बुलेंस की जरुरत देखते हुए स्व. संतोष अग्रवाल की स्मृति में एक एंबुलेंस समर्पित किया गया। एंबुलेंस को उसके 12 वर्षीय पुत्र अंशु अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर जन सेवा के लिए रवाना किया। मित्रों का कहना है कि अभी ये शुरुआत है। आगे वे और एंबुलेंस का इंताम करेंगे। इसके साथ ट्रस्ट के जरिए आम लोगों की सेवा करेंगे।
patrika positive news कोरोना संकट में जरूरतमंदों को खाना और रक्त दोनों की पूर्ति कर रहे ‘चंबा सेवियर्स
महामारी में हर किसी को मिलें स्वास्थ्य सुविधाएं
दोस्तों ने अपनी एक टीम तैयार की है। उनकी टीम जरूरतमंदों तक दवा और बेड मुहैया कराने का काम कर रही है। एबुलेंस की मदद से लोगों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। दोस्तों का कहना है कि हम चाहते है कि इस महामारी में हर किसी को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती रहें। स्व.संतोष अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट की मदद से लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ देने की भी कोशिश हो रही है।