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जीएसटी परिषद उद्योग की मांग के प्रति उत्तरदायी रही है
पीयूष गोयल कहा कि जीएसटी परिषद उद्योग की मांग के प्रति उत्तरदायी रही है। यह राजस्व के साथ उचित संतुलन हासिल करने की आधार पर कर की दरों को दोबारा तर्कसंगत बनाने को लेकर अंतिम फैसला ले सकती है। बता दें कि यह बाते पीयूष गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कही।
उचित वजह होगी तो ही दोबारा घटाई जाएगी कर की दरें
गोयल ने आग कहा कि पहले ही जीएसटी परिषद ने 328 चीजों पर कर की दरें घटा दी है। अगर कोई उचित वजह होगी तो ही दोबारा कर की दरें घटाई जा जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसे राजस्व पर विचार करते हुए संतुलन स्थापित किया जाएगा।’
जून में राजस्व संग्रह 95,000 करोड़ रुपए के पार था
अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जीएसटी के तहत जून में राजस्व संग्रह 95,000 करोड़ रुपए को पार कर गया, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 के औसत मासिक कर संग्रह 89,885 करोड़ रुपए से ज्यादा है। आगामी बैठक के दौरान परिषद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने पर अंतिम फैसला ले सकती है।
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वहीं, वित्त सचिव हसमुख अधिया ने इससे पहले कहा था कि बेहतर ढंग से कर अनुपालन के साथ जीएसटी अब सुचारु रूप में प्रवेश कर चुका है। इसलिए अब कर रिटर्न के नियमों को सरल बनाना सरकार की प्राथमिकता होगी।