
China के घेरने की तैयारी में जुटा India, अक्टूबर में PM Modi-Abe Summit संभव
नई दिल्ली। भारत और जापान ( India-China ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे के बीच संभावित शिखर सम्मेलन ( Modi-Abe Summit ) की तारीखों पर चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि अक्टूबर में दो नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है। शिखर सम्मेलन का फोकस विस्तारवादी चीन ( China ) पर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि चीन न केवल भारत के साथ सीमा विवाद ( India China Border Tension ) के मोर्चे पर उलझा है, बल्कि पूर्वी चीन सागर ( East China Sea ) में सेनकाकू द्वीप समूह ( Senkaku Islands ) के आसपास भी अपनी विस्तारवादी नीतियों का प्रदर्शन कर रहा है।
दरअसल, शुरुआत में गुवाहाटी में दिसंबर के अंत में होने वाले मोदी-आबे शिखर सम्मेलन को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून के पारित होने पर असम में विरोध प्रदर्शन के कारण टाल दिया गया था। इसके बाद चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस के बाद पूरे विश्व में पैदा हुए लॉकडाउन जैसे हालातों की वजह से यह सम्मेलन की तारीख तय नहीं हो पाई। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में जहां कोरोना संकट छाया हुआ है, वहीं चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सीमाओं को विस्तार देने में जुटा है। इसके साथ ही चीन ने लद्दाख में भारत से टकराव के बाद एलएसी से अपनी सेनाएं हटानी शुरू कर दी हैं। हालांकि चीन अभी तक सैनिक वापसी की प्रक्रिया में तेजी नहीं लाया है।
चीन से क्यों पराज है जापान?
आपको बता दें कि पिछले दिनों ने जापान ने दावा किया था कि चीन कोरोना वायरस महामारी की आड़ में न केवल अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने में जुटा है, बल्कि कई देशों के साथ सीमा विवाद में भी उलझा है। यही वजह है कि चीन अब जापान और क्षेत्र के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है। वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के अधिकांश दावों को पहले ही खारिज कर चुके हैं। अब जापान की शिंजो आबे सरकार ने 'डिफेंस व्हाइट पेपर 2020' में इस बात को जिक्र किया कि चीन आक्रामक रूप से पूर्वी चीन सागर व दक्षिण चीन सागर में गलत तरीके से आगे बढ़ रहा है।
Updated on:
18 Jul 2020 10:00 pm
Published on:
18 Jul 2020 08:04 pm
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