scriptICC के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, आत्मनिर्भर भारत के जरिये अपने पैरों पर खड़े होने का वक्त | PM Modi Address 95 annual plenary session of ICC talk about corona challenges | Patrika News

ICC के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, आत्मनिर्भर भारत के जरिये अपने पैरों पर खड़े होने का वक्त

locationनई दिल्लीPublished: Jun 11, 2020 02:31:52 pm

Indian Chamber of Commerce के 95 सालाना कार्यक्रम में PM Modi का संबोधन
2 जून को CII के कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था संबोधित
Corona संकट के बीच लगातार जनता के बीच रख रहे अपनी बात

PM Modi address to nation today on World Youth Skills Day

PM Modi address to nation today on World Youth Skills Day

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संकट ( Coronavirus ) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( Video Conferencing ) के जरिये इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ( ICC ) के 95वें सालाना कार्यक्रम में संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट या आपदा को अवसर में बलदने का वक्त है। हमें आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिये अपने पैरों पर खड़ा होना है।
पीेम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली भाषा में की। उन्होंने लोगों बंगाला भाषा में हाल जाना। उन्होंने कहा ICC के लिए अपना योगदान देने वाले आप सभी 95वें वर्ष में जिन लोगों ने भी योगदान दिया है उनका मैं अभिनंदन करता हूं।
– पीएम मोदी ने कहा- मन के हारे हार, मन के जीते जीत। यानी हमारी संकल्प शक्ति, हमारी इच्छा शक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है। उसके सामने नए अवसर दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। जो जीत के लिए निरंतर प्रयास करता है, एक दूसरे का साथ देते हुए आगे बढ़ता है उसके सामने नए अवसर भी उतने ही ज्यादा आते हैं और अवसर भी सामने से चले आते हैं।
साथियों ये हमारी एक जुटता, कि एक साथ मिलकर ब़ड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना। ये हमारी इच्छा शक्ति, संकल्प शक्ति बहुत बड़ी ताकत है।

– मुसीबत की दवाई मजबूती है। मुश्किल समय में भारत ने हर बार जीत हासिल की है।
– इन कसौटियों में हम कितनी मजबूती से लड़ रहे हैं, ये आने वाले अवसरों पर भी असर डालता है।

– कई बार अनेक कठिनाईयां, अनेक कसौटियां एक साथ आ जाती हैं। इन कसौटियों में हमारा कर्तव्य महत्वपूर्ण हैं।
– आत्मनिर्भर भारत के मूल में आत्मविश्वासी भारतीय, हर भारतीय आत्मनिर्भर होगा तो हर जंग हम जीत लेंगे

– बदलते हुए विश्व में सौलर रिचार्जेबल बैटरी का बड़ा मार्केट बनने वाला है। भारत का उद्योग इसका नेतृत्व कर सकता है?
– ये समय अवसर को पहचानने का है। खुद को आजमाने का है। नई बुलंदियों की ओर जाने का है।
– नए संकल्पों को साथ आगे बढ़िए।
– ICC से आग्रह है आपके मेंबर या जुड़े हुए मैन्यूफैक्चरर ज्यादा से ज्यादा संख्या में GEM से जुड़ें, जिनका माल सरकार को खरीदना पड़े उपलब्ध कराएं, इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

– गर्वनमेंट इन मार्केट प्लेस, GEM में सरकार के जुड़कर लाभ कमाने का अवसर दिया है। इस प्लेटफॉर्म पर छोड़ा या बड़ा व्यापारी हो सीधे भारत सरकार को अपने सर्विस उपलब्ध करवा सकते हैं। पारदर्शिता के साथ।
– पहले लाखों के टर्नओवर के बिना आप सरकार को माल नहीं बेच सकते थे, लेकिन अब हमने ये रास्ता खोला है।

– रुपे कार्ड सबका पसंदीदा कार्ड बनता जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत में गर्व के साथ रूपे कार्ड का इस्तेमाल करे।
– UPI के जरिये हमारी बैंकिंग कॉन्टैक्ट लेस, कैश लेस और 24/7 उलब्ध होना संभव हुआ है।

– देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने में P-3 का मंत्र काफी महत्वपूर्ण है। सिंग यूज प्लास्टिक से मुक्ति का एक निर्णय नॉर्थ ईस्ट वालों के लिए पांचों अंगुलियां घी में है क्योंकि आपका जूट उद्योग तेजी से विकसित होगा। आपको ये मौका लपक लेना चाहिए।
– प्रतिवर्ष देशवासियों के 19 हजार करोड़रुपए बिजली के बिल में एलईडी की वजह से बच रहे हैं।

– ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है। और लगातार होने वाली है। इसका लाभ प्लेनेट को भी हुआ। सरकार कंपनियों ने जितने एलईडी बल्ब बेचे हैं उससे 4 हजार टन कार्बनडायऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ है। यानी प्रोफिट में हर कोई शामिल है।
– पीपुल, प्लेनेट और प्रोफिट का मंत्र जमीन पर पिछले पांच साल में मजबूत हुआ है।

– आत्मनिर्भर भारत अभियान में आगे बढ़ते हुए, कोरोना काल से संघर्ष करते हुए आपने AGM में जो मुद्दा उठाया वो काफी महत्वपूर्ण है। पीपुलस, प्लेनेट एंड प्रोफिट एक दूसरे से इंटरलिंक हैं। ये तीनों एक साथ चल सकते हैं।
– ये समय छोटी सोच का नहीं बल्कि आगे बढ़कर कड़े फैसले लेने का है।

– ये समय इंडियन इकोनॉमी को कमांड एंड कंट्रोल से निकाल प्लस एंड प्ले की तरफ ले जाना है।
– जो बंगाल आज सोचता है वो भारत कल सोचता है।

– 5 साल बाद 2025 में आपकी संस्था 100 वर्ष पूरे करने जा रही है। वहीं 2022 में देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं ये आपकी संस्था के लिए बेहतरीन समय है एक बड़ा संकल्प लेने का। मेरा आपसे आग्रह है आत्मनिर्भर भारत अभियान को चरितार्थ करने के लिए ICC भी अपने स्तर पर 50 -100 नए लक्ष्य तय करे। ये लक्ष्य संस्था, उद्योग व्यापारिक ईकाई के साथ हर व्यक्ति के हों।
– आप जितना अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे उतना ये अभियान नॉर्थ इंडिया में आगे बढ़ेगा।

– कोलकाता एक बार फिर बहुत बड़ा लीडर बन सकता है। अपने पुराने गौरव से प्रेरणा लेते हुए कोलकाता पूरे क्षेत्र के विकास का नेतृत्व कर सकता है।
– ICC के साथ जुड़े सभी व्यापारी ठान लें तो नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बड़ा ग्लोबल मार्केट बन सकता है।

– जिन जिलों में जो पैदा होता है वहीं आस-पास इनसे जु़ड़े क्ल्स्टर विकिसत किए जाएंगे। जैसे प. बंगाल में जूट किसानों के लिए पास में जूट आधारित उद्योगों को विकसित करने की सुविधा दी जाएगी। बैंबू और अन्य प्रोडक्ट के लिए भी अलग क्लस्टर बनेंगे।
– किसानों को बड़े मार्केट के तौर पर विकसित करने में सहायता की जा रही है।

– किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करना होगा, एमएसपी का फैसला हो, पेशन योजना हो हमारा प्रयास किसानों को सशक्त करने का है।
– किसानों और इडंस्ट्री के बीच पार्टनरशिप का जो रास्ता खोला है वो उनके विकास में बड़ा योगदान देगा।

– भारत के किसानों को अपने प्रोडक्ट औऱ अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी मिली है।
– किसानों और रूरल इकोनॉमी के लिए जो रिफॉर्म तय हुए हैं उससे सच्ची आजादी किसानों को मिली है।

– ICC से जुड़ा फैसला, छोटी गलतियों को सही करने का फैसला हो, ऐसे अनेक कार्य पहले ही हो चुके हैं। अब तमाम सेक्टर खास कर कोल और माइनिंग के सेक्टर को अधिक प्रतियोगी बनाने के लिए जो रिफॉर्म तय हुए हैं उसके लिए उद्योग जगत आगे आए हैं। मेरे युवा साथी अब आगे आए हैं।
– MSME की परिभाषा को बदलना हो, यार उसके लिए हजारों फंड की घोषणा हो ये भी संभव हो पाया है।

– आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जिन बड़े रिफॉर्म्स की घोषणा की गई उन्हें तेजी से जमीन पर उतारा जा रहा है।
– हर गांव, हर जिले, हर प्रदेश और पूरे देश को आत्मनिर्भर करने का समय है।

– अपने लोकल के लिए वोकल होने का समय है।

– जो सामान हमारे छोटे उद्योग बनाते हैं। जो सामान हमारे यहां सदियों से बनता आ रहा है उसको बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाना है।
– आत्म निर्भर भारत का सीधा मतलब है कि भारत दूसरे देशों पर निर्भरता कम से कम करे। हर वो चीज जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, उसका निर्माण देश में ही किया जाना चाहिए। इस दिशा में और तेजी से आगे बढ़ना है।
– कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है।
– भारत को भी अपने पैरों पर खड़े होना होगा।

– आत्मनिर्भर भारत ही आज टर्नंग प्वाइंट हो सकता है।

– आपदा को अवसर में बदलना है, इसका एक मात्र विकल्प है आत्मनिर्भर भारत
– कोरोना वायरस को दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है।

– कहीं तूफान, ओलावृष्टि, कहीं भूकंप

– मौजूदा समय में हमारा देश मल्टिपल चैलेंजेस को चैलेंज कर रहा है।
– भारत की ग्रोथ प्रोजेक्टरी का भी आप हिस्सा रहे हैं।

– ICC ने भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है। विभाजन को देखा उसकी पीड़ा को सहा है।

– 1925 में अपने गठन के बाद से आईसीसी ने आजादी लड़ाई को देखा और उसे जीया।
– दरअसल कोरोना संकट और लॉकडाउन ( Lockdown ) को खत्म करने के बाद शुरू किए अनलॉक-1 ( Unlock 1.0 ) में पीएम मोदी का ये संबोधन काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान पीएम मोदी अनलॉक-1 के साथ-साथ देश कैसे आगे बढ़ेगा इसको लेकर अपनी योजनाओं और विचारों से रूबरू करवा सकते हैं।

आपको बात दें इससे पहले पीएम मोदी ने दो जून को ऐसे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भारतीय उद्योग परिसंघ ( CII ) की एनुअल जनरल मीटिंग में हिस्सा लिया था।

कोरोना संकट के बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन के जरिये लोगों से रूबरू हो रहे हैं। वे ICC के कार्यक्रम में कोरोना के अलावा कुछ अन्य मुद्दों जैसे देश के कारोबार जगत की चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर प्रकाश डाल सकते हैं।
हाल ही में पीएम मोदी देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था।

मन की बात और अन्य कई कार्यक्रमों के जरिए वह लगातार अपनी बात देश के सामने रखते आए हैं। बीते गुरुवार यानी 4 जून को वर्चुअल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बात की थी।
आपको बता दें कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ( ICC ) के क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अगरतला में हैं। हालांकि ICC का मुख्यालय कोलकाता में है।

आपको बता दें कि देशभर में 25 मार्च से कोरोना संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लागू कर दिया। जबकि 1 जून से अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दो महीने से ज्यादा चले लॉकडाउन की वजह से देशभर में कारोबारा जगत समेत कई क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में देश की आर्थिक विकास को गति देने के लिए पीएम मोदी ने समय-समय पर आर्थिक पैकेजों का ऐलान भी किया है।
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