
पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) खुल कर दान करते हैं। फिर चाहे वे अपनी बचत से हो या फिर मिलने वाली वस्तुओं की निलामी से एकत्र किया हुआ धन हर जरूरत की जगह पर वे इनको दान करने में आगे रहते हैं। हाल में जब कोरोना वायरस महासंकट सामने आया तो पीएम केयर ( PM Care Fund ) में सबसे पहला अंशदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया।
पीएम मोदी ने 27 मार्च को पीएम केयर फंड में सबसे पहले 2.25 लाख यानी सवा दो लाख रुपए की राशि का दान दिया। एनुअल ऑडिट में ये बात सामने आई। वहीं जनता के हित के लिए भी पीएम मोदी दान करते आए हैं। बतौर मुख्यमंत्री रहते ये काम शुरु करने के बाद से अब तक पीएम मोदी अपनी बचत के 100 करोड़ रुपए से ज्यादा दान कर चुके हैं।
पीएम केयर फंड के शुरुआती पांच दिनों में ही 3,076 करोड़ रुपये जमा हो चुके थे। हालांकि इसमें सबसे पहला अंशदान पीएम मोदी ने सवा दो लाख रुपए के रूप में दिया था। दान देने के मामले में पीएम मोदी का इतिहास पुराना है।
एक ऐसी परंपरा उन्होने शुरू की, जिसके तहत वो जनहित के लिए अपने ही पैसे को दान करते रहे। ये जनहित का काम बालिका शिक्षा से लेकर नमामी गंगे और शोषित एवं वंचित समाज को ऊपर उठाने के लिए रहा।
पुरस्कार और व्यक्तिगत बचत से दान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बचत और पुरस्कार को रूप में मिली राशि को भी दान करते आए हैं। पिछले वर्ष ही उन्होंने अपनी व्यक्तिगत बचत से 21 लाख रुपए की राशि कुंभ मेले में काम करने वाले सफाईकर्मियों को दान की थी।
यही नहीं इसके अलावा जब उन्हें सिओल शांति पुरस्कार मिला तो इस पुरस्कार में मिली 1 करोड़ 30 लाख की राशि भी उन्होंने दान कर दी। ये पूरी राशि उन्होंने नमामी गंगे कार्यक्रम में दान की।
मिली वस्तुओं की नीलामी
बतौर प्रधानमंत्री मोदी जहां कहीं भी जाते हैं वहां उन्हें मोमेनटोज, शॉल समेत कई वस्तुएं मिलती हैं। वे इन सभी वस्तुओं की नीलामी कर, इनसे एकत्र होने वाली राशि को भी दान करते हैं। पिछले वर्ष उन्होंने ऐसे ही एकत्र तीन करोड़ 40 लाख रुपए दान किए। ये राशि भी नमामी गंगे फंड में गई।
सूरत में हुई उपहारों की नीमाली
पीएम मोदी को मिले उपहारों की वर्ष 2015 में नीलामी हुई थी। इन उपहारों की नीलामी से साढ़े आठ करोड़ के करीब राशि एकत्र हुई। इस राशि को भी नमामी गंगे प्रोजेक्ट में लगाया गया।
बतौर सीएम रहते हुए जब उन्होंने 2014 में अपना पद छोड़ा तब व्यक्तिगत के 21 लाख रुपए को गुजरात सरकार के कर्मचारियों की बेटियों की शिक्षा के लिए दान दिया था। हालांकि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें मिले गिफ्ट और अन्य चीजों की नीलामी से करीब 89.96 करोड़ रुपए जमा हुए जिन्हें कन्या केलावानी फंड में दान दिया गया।
एक बार फिर पीएम केयर फंड में उनकी ओर से सबसे पहले अंशदान दिए जाने के बाद वे अपने दान को लेकर चर्चा में हैं। अपने दान की ज्यादातर राशि वे बालिकाओं की शिक्षा, समाज के वंचित लोगों के आगे बढ़ाने और निर्मल गंगा प्रोजेक्ट में देते हैं।
Published on:
03 Sept 2020 02:49 pm
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