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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर दिया है। इसके बाद पीएम मोदी खुली जीप में सवार होकर 6 किलोमीटर लंबा एक रोड़ शो भी किया। पीएम के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे।
- 6 किलोमीटर लंबे रोड शो के बाद पीएम मोदी ईस्टर्न पेरिफेरल का उद्घाटन करने के लिए बागपत पहुंच चुके हैं।
- पीएम मोदी ने बागबत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का भी उद्घाटन किया
- प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल से देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
- हमारी सरकार ने प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के चारों ओर एक्सप्रेस वे का एक घेरा बनाने का बीड़ा उठाया। ये दो चरणों में बनाया जा रहा है। इसमें से एक चरण यानि ईस्टर्न पेरिफेरल का भी थोड़ी देर पहले लोकार्पण किया गया है।
- दिल्ली-NCR में सिर्फ जाम की ही समस्या नहीं है, प्रदूषण की भी एक बड़ी समस्या है। जो साल दर साल और विकराल रूप लेती जा रही है।
- जिस रफ़्तार से ये 9 किलोमीटर की सड़क बनी है उसी रफ़्तार से मेरठ तक इस पूरे एक्सप्रेस वे का काम करके जल्द ही दूसरे चरण को भी जनता के लिए समर्पित किया जाएगा।
- आज जब इस नई सड़क पर चलने का अवसर मुझे मिला तो अनुभव किया कि 14 लेन का सफर दिल्ली-NCR के लोगों के जीवन को कितना सुगम बनाने वाला है। कहीं कोई रुकावट नहीं, एक से एक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, कंक्रीट के साथ हरियाली का भी मेल।
- इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को 500 दिनों के अंदर इस एक्सप्रेस वे का आज भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के 4 साल पूरे होने पर आपका ये प्रधानसेवक फिर आपके सामने नतमस्तक है।
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6 किलोमीटर चलने के बाद मोदी एक प्रदर्शनी और एक्सप्रेसवे के 3डी मॉडल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद मोदी हेलिकॉप्टर से बागपत रवाना होंगे और यहां दोनों सड़क परियोजना को देश को समर्पित करेंगे।
आइए जानते हैं कि आखिर इस एक्सप्रेस-वे में ऐसा क्या खास है कि इसे देश के सबसे हाईटेक एक्सप्रेस-वे कहा जा रहा है।
- 135 किलोमीटर लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे पर कुल 406 छोटे-बड़े पुल बनाए गए हैं।
- ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे देश का पहला ऐसा राजमार्ग है जहां की सड़कें सौर ऊर्जा से रोशन होंगी।
- इस राजमार्ग पर देश के 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया गया है।
- देश के इस अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक 500 मीटर की दूरी पर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए दोनों ओर वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम) की व्यवस्था की गई है।
- इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र लगाए गए हैं, जो 4 हजार मेगावाट की क्षमता वाली है।
- एक्सप्रेस-वे पर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए 40 रंगीन झरने लगाए गए हैं।
- सड़क के दोनों ओर 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया गया है।
- पैदल यात्रियों को चलने के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर का पैदल यात्री ट्रैक भी है। ऐसा ट्रैक देश के गिनेचुने राजमार्गों पर ही है।
- ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। इससे दिल्ली से करीब 27 फीसदी ट्रैफिक के कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
- इसपर रोजाना करीब 50 हजार गाड़ियां बगैर दिल्ली में प्रवेश किए हरियाणा से सीधे उत्तर प्रदेश जाएंगी
- इस एक्सप्रेस-वे से हरियाणा में कुंडली और पलवल की दूरी अब चार घंटे से सिमटकर 72 मिनट रह जाएगी।
-ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे रिकार्ड 500 दिनों में बनकर तैयार हुआ है
- एक्सप्रेस-वे में केवल तय की गई दूरी के आधार पर टोल लिए जाएंगे और वाहनों की बाधा रहित आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल वसूला जाएगा।
- 14 लेन वाला ये देश का पहला राजमार्ग है। पहले के संभावित निर्माण अवधि 30 माह के बदले ये केवल 17 माह के ही रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुआ है।
Published on:
27 May 2018 02:14 pm
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