
नई दिल्ली। दुनिया में मीडिया की आजादी को कम करने वालों की सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) का नाम भी शामिल किया गया है।
इस लिस्ट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, किम जोंग उन, शी जिनपिंग समेत 37 राजनेताओं के नाम शामिल हैं। दरअसल ये सूची रिपोर्टस विदाउट बॉडर्स ( RSF ) की ओर से बनाई गई है।
2016 में भी जारी की गई थी लिस्ट
इससे पहले आरएफएस ने ऐसी सूची 2016 में जारी की थी। यानी पूरे पांच वर्ष बात आरएफएस की ओर से नई लिस्ट जारी की गई है।
पहली बार जोड़े 17 नाम
ग्लोबल प्रेस संस्था ने कहा कि इस लिस्ट में शामिल 37 नेताओं में से 17 नाम पहली बार जोड़े गए हैं। इन नेताओं ने न सिर्फ अभिव्यक्ति पर रोक का प्रयास किया है बल्कि पत्रकारों को मनमाने ढंग से जेल भी भेजा है।
इस सूची में 19 देश ऐसे हैं जिन्हें लाल कलर में दिखाया है, इसका मलतब है इन देशों को पत्रकारिता के लिहाज से खराब हालात वाले देशों में से एक माना गया है। जबकि 16 देश ऐसे हैं जिन्हें काले रंग में कोडिंग की गई है, इसका मतलब है कि यहां स्थिति बेहद खराब है।
बताया ‘गैलरी ऑफ ग्रिम पोट्रेट’
आरएसएफ की ओर से जारी लिस्ट में कहा गया है कि ये नाम प्रेस की आजादी पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसे संस्था ने ‘गैलरी ऑफ ग्रिम पोट्रेट’ कहा है यानी निराशा बढ़ाने वाले चेहरों की गैलरी। बता दें कि रिपोर्टस विदाउट बॉडर्स का फ्रांसीसी नाम रिपोर्टर्स सां फ्रांतिए है । इसलिए इसे आऱएसएफ भी कहते हैं।
सूची में शामिल हैं ये प्रमुख नाम
आरएसएफ की इस सूची में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ( North Korean Dictator Kim Jong-Un ) उन सबसे आगे हैं।
इनके अलावा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसेनारो, हंगरी के विक्टोर ओर्बान, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, सीरिया के बशर अल असद, ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई और बेलारूस के लुकाशेंकों शामिल हैं।
पहली बार महिला नेता भी शामिल
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और हॉन्ग कॉन्ग की प्रशासक कैरी लाम को भी लिस्ट में जगह दी गई है। ऐसा पहली बार हुआ है किसी महिला नेता को इसमें शामिल किया गया है।
दरअसल RSF ने यह 20 साल पहले बनानी शुरू की थी। इसबार जारी किए गए लिस्ट में नेताओं की पूरी फाइल तैयार की है, जिसमें प्रेस पर हमले के तरीकों को दर्ज किया गया है।
फाइल में इस बात का भी जिक्र है कि किस तरह से पत्रकारों को निशाना बनाया जाता है और किस तरह से इन देशों में मीडिया पर सेंसर है।
Published on:
07 Jul 2021 02:53 pm
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