खाली हुआ कांग्रेस का खजाना, 2019 में बीजेपी से लड़ने तक के लिए पैसे नहीं
! नाव से नाप ली दुनियानाविका समुद्र परिक्रमा का मिशन 21,600 नॉटिकल मील से ज्यादा का सफर तय की है। इस सफर पर 17 मीटर की एक नाव पर इंडियन नेवी की 6 महिला अधिकारी निकली थीं। इस सफर के पांच चरण थे। क्रू मेंबर राशन भरवाने या मरम्मत के काम के लिए चार बंदरगाहों-ऑस्ट्रेलिया का फ्रीमेंटल, न्यूजीलैंड कालाइटलेटन, फॉक्लेंड्स का पोर्टसिडनी, दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन पर रुके। ये टीम 8 महीनों में दुनिया का चक्कर लगा लौटने वाली यह टीम एशिया की पहली ऑल वुमन टीम है, जो समुद्र के रास्ते दुनिया मापने (सरकम नेविगेशन) निकली थी।
लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व वाली भारतीय नौसेना की इस छह सदस्यी महिला टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल और पी. स्वाती, लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी, बी. ऐश्वर्या और पायल गुप्ता शामिल हैं।
इस अभियान की अगुवाई उतराखंड की लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी कर रही थीं। वर्तिका जोशी ने कहा कि समंदर कभी लापरवाही को माफ नहीं करता और अगर सचेत नहीं हैं तो जान पर बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि सफर के दौरान एक बार हमारा सामना भयानक तूफान से हुआ और एक बहुत बड़ी लहर बोट को क्रैश करती हुई मेरे ऊपर से गुजरी। अगर लाइफ जैकेट पहनने और तैयारी को लेकर सतर्क नहीं रहती तो लहर इतनी तेज थी कि वह हम सबको और बोट को बहा ले जाती।
27 अगस्त को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मुझे ऐसी कुछ बेटियों से मिलने का मौका मिला, उनमें से कुछ का जन्म हिमालय क्षेत्र में हुआ है, जिनका समुद्र से कोई नाता ही नहीं रहा। ये छह युवा बेटियां नौसेना में हैं। उनका जज्बा और उत्साह हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि हमारी छह बेटियां सागर की ऊंची-ऊंची लहरों पर साहस के साथ सवार होंगी, जो पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली यात्रा है। हर भारतीय को इन बेटियों पर गर्व होगा। मैं उनके साहस को सलाम करता हूं और उनसे अपने अनुभव पूरे देश के साथ साझा करने का आग्रह करता हूं।