
चीन Third Party के जरिए भारत में व्यापार की कोशिश कर सकता है।
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच विवाद ( India-China Dispute ) का समाधान जल्द होने की उम्मीद बहुत कम है। इस बीच भारत की ओर से लगाए गए कारोबारी प्रतिबंधों ( Trade ban ) की काट में चीन जुट गया है। ताकि उसे आर्थिक नुकसान कम से कम हो। अर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए चीन अब हांगकांग के जरिए भारत में निवेश ( Chinese Investment in India ) के साथ अपने तैयार माल को डंप करने की रणनीति को सफल बनाने के जुट गया है।
रणनीतिकारों ने जताई आशंका
कारोबारी मामलों के जानकारों का कहना है कि चीन हांगकांग और सिंगापुर ( Hong Kong and Singapore ) जैसे किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से भारत में व्यापार ( Trade ) की कोशिश कर सकता है। सामान भेजने के साथ-साथ निवेश करने की भी कोशिश कर सकता है। इस बात की आशंका भारतीय रणनीतिकारों ने भी जताई है।
दूसरी तरफ भारतीय जानकारों का कहना है कि भारत में वैध चीनी व्यापार और निवेश ( Trade and Investment ) को रोकना असान नहीं हैं।
FTA और PTA बड़ी बाधा
जानकारों का कहना है कि जिन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते ( FTA ), तरजीही व्यापार समझौते ( PTA ) या अन्य द्विपक्षीय कॉमर्शियल एग्रिमेंट है, उन देशों के जरिए चीन भारत में सामान और निवेश बढ़ा सकता है। नाम नहीं बताने की शर्त पर इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने कहा यह न केवल अवैध है, बल्कि घरेलू उद्योग को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
चीन से FDI घटा
कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो पता चलता है कि चीन से कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( FDI ) घटा है, लेकिन कई भारतीय फर्मों ने चीनी निवेश प्राप्त किया है। इसी तरह, चीन से आयात में हाल ही में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन उसी समय हांगकांग और सिंगापुर से आयात में वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ गड़बड़ है और उसकी जांच की जरूरत है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ( FIEO ) के मुताबिक चीन के साथ भारत का व्यापार 2019 में 6.05 बिलियन डॉलर घटा है। यह अब 51.25 बिलियन डॉलर तक सीमित हो गया है। वहीं, 2019 में हांगकांग का व्यापार 5.8 बिलियन डॉलर के करीब बढ़ा है। इसी प्रकार, सिंगापुर के साथ भारत का व्यापार घाटा पिछले वित्तीय वर्ष में 5.82 बिलियन डॉलर था।
FIEO के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय सहाय का कहना है कि हांगकांग से प्रमुख आयात में जो उल्लेखनीय वृद्धि हुई है उनमें इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट शामिल है। 2017 में जहां 1.3 बिलियन डॉलर था वहीं, 2019 में 8.6 बिलियन डॉलर तक बढ़ा है।
गलवान हिंसक झड़प के बाद से तनाव जारी
बता दें कि भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। चीन के भी 45 से 50 सैनिकों के मारे जाने की आंशका है। हालांकि चीन ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
Updated on:
01 Jul 2020 09:21 am
Published on:
01 Jul 2020 07:51 am
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